बिहार में 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट होना है लेकिन इससे पहले ही कई तरह की गतिविधियां राजनीतिक पार्टियों की ओर से देखने के लिए मिल रही है. देखा जाए तो हर पार्टी के बीच खलबली मच गई है. सभी पार्टियों खेला होने के डर से अपने-अपने विधायकों को सहेजने में जुट गई है. बिहार में 12 फरवरी को लेकर सियासी पारा भी उबाल पर है. किसी भी दल के नेता इस मसले पर खुलकर नहीं बोल रहे हैं, लेकिन सभी दल अपने विधायकों को सहेजने में जुटे हैं. महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने अपने 19 विधायकों में से 16 विधायकों को पहले ही हैदराबाद में शिफ्ट कर दिया है. ताकि विधायकों की खरीद-फरोख्त से बचा जा सके.
सत्ताधारी जेडीयू को भी डर !
तो इधर, सत्ताधारी जेडीयू भी अपने विधायकों पर नजर बनाए हुए है. जदयू ने तो साफ कर दिया है कि, उनके विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है. ऐसे में जदयू सशंकित है. जदयू ने फ्लोर टेस्ट के पहले 11 फरवरी को विधानमंडल दल की बैठक बुलाई है. वहीं, सूत्रों का कहना है कि, जदयू के विधायकों को पटना बुलाया गया है. जदयू के एक नेता बताते हैं कि, शनिवार दोपहर नीतीश कुमार के करीबी मंत्री श्रवण कुमार के आवास पर दोपहर के भोजन के लिए भी सभी विधायकों को आमंत्रित किया गया है. कहा जा रहा है यहां विधायक ना सिर्फ भोजन का लुत्फ उठाएंगे बल्कि विश्वास मत को लेकर रणनीति भी बनेगी.
बीजेपी के नेता जायेंगे बोधगया
इधर बात कर लें बीजेपी की तो, सरकार में शामिल बीजेपी भी अपने विधायकों पर निगाह बनाए हुए है. भाजपा ने इस दौरान विधायकों के लिए बोध गया में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया है. बताया जाता है कि शनिवार और रविवार को आयोजित इस कार्यशाला को गृह मंत्री अमित शाह भी वर्चुअली संबोधित करेंगे. जिसमें सभी 78 विधायक, विधान पार्षद और पार्टी के पदाधिकारियों को बोधगया पहुंचने का निर्देश दिया गया है. बीजेपी के सभी विधायक फ्लोर टेस्ट से पहले पटना से दूर रहेंगे. इस प्रशिक्षण शिविर के जरिए बीजेपी अपने विधायकों को संभावित खेल के डर से बोधगया शिफ्ट कर रही है. आज बीजेपी के सभी विधायक बोधगया कूच कर जाएंगे और 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट के दिन पटना पहुंचेंगे. हालांकि, भाजपा के नेता कहते हैं कि यह कार्यशाला पहले से तय थी.
आरजेडी और कांग्रेस के दावे
बता दें कि, आरजेडी और कांग्रेस लगातार इस बात का दावा कर रहे हैं कि, नीतीश सरकार फ्लोर टेस्ट की अग्निपरीक्षा पास नहीं कर पाएगी. बिहार में नई सरकार के गठन के बाद से ही विपक्षी दल फ्लोर टेस्ट से पहले बड़े खेल की बात कह रहे हैं. ऐसे तमाम तरह के दावों के बाद भले ही जेडीयू और बीजेपी कह रहे हैं कि उनके पास बहुमत का आंकड़ा है, लेकिन सत्ताधारी दलों में भी कहीं ना कहीं खलबली मची हुई है. इधर, सरकार में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को साफ कर दिया है कि वे एनडीए के साथ बने हुए हैं. उल्लेखनीय है कि, 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में बहुमत के लिए 122 विधायकों की आवश्यकता है. वर्तमान नीतीश सरकार के पास 128 विधायकों का समर्थन प्राप्त है.