बिहार सरकार में आरजेडी कोटे के मंत्री प्रो. चंद्रशेखर एक बार फिर से अपने विवादित बयान के कारण सुर्खियों में आ गए हैं. उनके द्वारा दिए गए विवादित बयान की चर्चा लगातार हो रही है. विपक्ष की तरफ से वह तो घिर ही गए हैं लेकिन अब तो सत्ता पक्ष के लोग भी उन्हें नसीहत दे रहे हैं. बता दें कि, प्रो. चंद्रशेखर ने बयान दिया था कि, रामचारितमानस में पोटाशियम साइनाइड है, जब तक यह रहेगा तब तक इसका विरोध करते रहेंगे. वहीं, इस बयान के बाद सियासी पारा चढ़ गया है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने तो साफ तौर पर इस्तीफा ही शिक्षा मंत्री से मांग लिया है.
सम्राट चौधरी ने कहा कि, चंद्रशेखर सिंह अपने पद पर रहने योग्य नहीं हैं. इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील की कि, शिक्षा मंत्री को उनके पद से जल्द ही बर्खास्त कर दिया जाये. विपक्ष ने तो उन पर तंज कसते हुए हमला बोल ही दिया है. लेकिन, दूसरी तरफ सत्ता पक्ष के नेता भी शिक्षा मंत्री के इस बयान का विरोध कर रहे हैं. दरअसल, जेडीयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि, रामचरितमानस हो, गुरु ग्रंथ साहिब हो, कुरान शरीफ हो, बाइबिल हो सब आस्था का विषय है. हमारा देश बाबा साहेब भीम राम आंबेडकर के बनाए संविधान से चलता है. जहां हर जाति और धर्म के लोगों को समान अधिकार है.
अभिषेक झा इतने पर ही नहीं रुके. आगे उन्होंने यह भी कहा कि, जिनको धर्म ग्रंथ के अंदर पोटेशियम साइनाइड दिखता है वो अपनी विचारधारा अपने तक ही सीमित रखें. ये पार्टी और 'इंडिया' गठबंधन की विचारधारा नहीं हो सकती है. कई बार ऐसा होता है कि कुछ लोग मीडिया की टीआरपी पाने के लिए और सुर्खियों में बने रहने के लिए अपनी इस तरह की विचारधारा को थोपते हैं जो कहीं से भी उचित नहीं है. बता दें कि, शिक्षा मंत्री ने कल हिंदी दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम के दौरान रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया. अब देखने वाली बात होगी कि, आगे किस तरह के रिएक्शन आते हैं.