Desk-कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर मामले में जांच एजेंसी CBI संजय रॉय समेत 7 लोगों का पॉलीग्राफी टेस्ट करवा रही है.. इनमें कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और पीड़ित डॉक्टर के साथ आठ अगस्त की रात डिनर करने वाले चार ट्रेनी डॉक्टर और एक अन्य कर्मी है. इस जांच के लिए सियालदह कोर्ट से पहले ही मंजूरी ले ली गई है.
बताते चलें कि कानून के हिसाब से पॉलीग्राफ टेस्ट के नतीजे की कोर्ट में कोई वैधता नहीं है. इसके बावजूद जांच एजेंसियां यह टेस्ट ये जानने के लिए करती है कि सामने वाला व्यक्ति सही बोल रहा है या झूठ बोल रहा है.
गौरतलब है कि पॉलीग्राफी टेस्ट के दौरान किसी व्यक्ति के वाइटल्स को जांचने वाली मशीनें शरीर से जोड़ कर उससे सवाल पूछे जाते हैं. इन सवालों की सूची पहले ही जांच एजेंसी के विशेषज्ञ तैयार रखते हैं. इस दौरान अगर कोई व्यक्ति झूठ बोलता है तो उसके ब्लड प्रेशर, दिल की धड़कनों, सांसों की तारतम्यता और पेट में घूमने वाले द्रव्य की गति में अंतर आ जाता है. इससे जांच करने वाले विशेषज्ञ को पता चल जाता है कि उक्त व्यक्ति झूठ बोल रहा है.