कई बार ऐसा देखा गया है कि नेता जी चर्चाओं में घिरे रहने के लिए अजीबो-गरीब बयान दे जाते हैं. कभी कुछ ऐसी टिप्पणी कर जाते हैं, जिसके बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो जाता है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है बिहार सरकार के विज्ञान और प्रोद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह ने. दरअसल, मंत्री सुमित कुमार सिंह जदयू के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ द्वारा औरंगाबाद के नगर भवन में आयोजित "कारवाने इतेहाद व भाईचारा" कार्यक्रम में भाग लेने आए थे. इस दौरान स्टूडेंट्स के कल्याण के लिए बिहार सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में पूछे जाने पर ही मंत्री जी ने उल्टा-सीधा बयान दे दिया.
विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार ने कहा कि, बिहार के छात्रों को इंजीनियरिंग करने के लिए नोएडा और बेंगलुरू जाने की जरूरत नहीं है. उन्हें बिहार में इंजीनियरिंग करने के लिए दो लाख, तीन लाख या पांच लाख खर्च करने की भी जरूरत ही नहीं है. स्टूडेंट्स 5 रूपये में पॉलिटेक्निक और 10 रूपये में इंजीनियरिंग कर सकते हैं.
बिहार के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में यदि फीस की बात करें तो बीटेक प्रथम वर्ष में नामांकन शुल्क 10 रूपये, शिक्षण शुल्क 120 रूपये, विकास और मिश्रित शुल्क 3 हजार, निबंधन शुल्क 2,100 रूपये और यूनिवर्सिटी एग्जाम फी 7,400 रूपये है. यानी कि, बीटेक प्रथम वर्ष में एक छात्र को कुल 12,630 रूपये देने पड़ते है. इसी प्रकार द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ वर्ष में नामांकन शुल्क 10 रूपये, शिक्षण शुल्क 120 रूपये, विकास और मिश्रित शुल्क 3 हजार एवं यूनिवर्सिटी एग्जाम फी 7,400 रूपये है. यानी कि दूसरे, तीसरे और चौथे वर्ष में एक छात्र को कुल 10,530 रुपये देने होते है. यानी चार साल में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पर एक स्टूडेट को 44,220 रूपये देने है. यह फीस खुद सरकार द्वारा ही तय की हुई है.
वहीं, बिहार के सरकारी पॉलिटेक्निक संस्थानों में पॉलिटेक्निक की पढ़ाई पांच सेमेस्टर में होती है. प्रथम सेमेस्टर में नामांकन शुल्क 5 रुपये, शिक्षण शुल्क 60 रूपये, विकास व मिश्रित शुल्क एक हजार, निबंधन शुल्क 500 रूपये, सी शुल्क 100 रूपये और परीक्षा शुल्क एक हजार रूपये है. यानी पॉलिटेक्निक के लिए एक स्टूडेंट को प्रथम सेमेस्टर में 2,665 रुपये देने है. इसी प्रकार सेमेस्टर-2 में एक हजार, सेमेस्टर-3 में 2,065 रूपये, सेमेस्टर-4 में एक हजार एवं सेमेस्टर-5 में 2,065 रूपये देने है. यानी एक पॉलिटेक्निक स्टूडेंट को पूरी पढ़ाई के लिए कुल फीस के रूप में कुल 8,795 रूपये देने है. दोनों फीस से स्पष्ट है कि मंत्री जी सिर्फ नामांकन शुल्क की बात को कहकर गलत बयानबाजी ही कर रहे हैं.