देश के चार राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर तक सामने आ गए. एक तरफ जहां राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की प्रचंड बहुमत से जीत हुई तो वहीं दूसरी ओर तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार राज करने जा रही है. अब चारों राज्यों के नतीजे सामने आने के बाद हर किसी के पास एक ही सवाल है कि, आखिरकार इन राज्यों के मुख्यमंत्री कौन होंगे ? दरअसल, अब तक ना तो बीजेपी और ना ही कांग्रेस की ओर से सीएम के चेहरे की घोषणा की गई थी. लेकिन, रिजल्ट घोषित होने के बाद आखिरकार कौन सीएम होंगे, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई है.
राजस्थान में CM पद के ये हैं दावेदार
सबसे पहले बात कर लें राजस्थान की तो सीएम पद के लिए बीजेपी सांसद महंत बालकनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री वसुधंरा राजे का चेहरा सामने आ रहा है. अलवर सांसद महंत बालकनाथ बीजेपी ने उन्हें तिजारा सीट से उतारा था, जहां उन्होंने चुनाव जीत लिया है. इस सीट पर उनका मुकाबला कांग्रेस के इमरान खान से था. बालकनाथ ने उन्हें 6173 मतों से हरा दिया है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह अलवर सांसद महंत बालकनाथ भी नाथ समुदाय से आते हैं और उनके संसदीय क्षेत्र में बड़ी संख्या में उनके मानने वाले और समर्थक हैं.
वहीं, बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुधंरा राजे अटल बिहार वाजपेयी सरकार के मंत्रिमंडल में केंद्रीय मंत्री रह चुकी हैं. फिलहाल, वह बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. वसुंधरा राजे ने 1984 में राजनीति में प्रवेश किया था. वह राजस्थान के धौलपुर से भी विधायक रह चुकी हैं. उन्होंने 2003, 2008, 2013 और 2018 में झालरापाटन से विधानसभा चुनाव जीता था. वहीं, 1989-91, 1991-96, 1996-98, 1998-99 और 1999-03 के बीच वह लोकसभा सदस्य भी रही हैं. 2018 में उन्होंने कांग्रेस के मानवेंद्र सिंह को 25000 वोटों से हराया था. इस बार उन्होंने झालरापाटन से कांग्रेस उम्मीदवार रामलाल को 53193 वोटों से हराया है.
मध्य प्रदेश में कौन हो सकते हैं CM पद के दावेदार
वहीं, मध्य प्रदेश में माना जा रहा कि, एक बार फिर सीएम का ताज शिवराज सिंह चौहान के सिर सज सकता है. वह राज्य में बीजेपी के सबसे प्रमुख नेताओं में से एक हैं. शिवराज बुधनी विधानसभा सीट से मैदान में थे. यह निर्वाचन क्षेत्र 2006 से उनका गढ़ रहा है. शिवराज ने अपना पहला विधानसभा चुनाव 1990 में बुधनी से जीता था और 1991 में विदिशा से सांसद चुने जाने पर वह पहली बार लोकसभा पहुंचे थे. इसके बाद उन्होंने 2006 में एक बार फिर बुधनी विधानसभा सीट पर जीत हासिल की और आज तक इस निर्वाचन क्षेत्र पर अपना कब्जा बरकरार रखा है. शिवराज चौहान एमपी में सबसे लंबे समय तक सीएम पद पर रहने वाले नेता हैं.
छत्तीसगढ़ में क्या बन रही है संभावना ?
इधर, छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता रमन सिंह सीएम पद के दावेदार माने जा रहे हैं. 2003 में वह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने थे. वह तीन बार छत्तीसगढ़ के सीएम बने हैं. वह 2008 से राजनांदगांव सीट से विधायक हैं. इस बार उन्होंने राजनांदगांव से कांग्रेस के गिरीश देवांगन को 45,084 मतों से हराया है. इससे पहले वे 1990 में अविभाजित मध्य प्रदेश की कवर्धा विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे. 1999 में वह राजनांदगांव सीट से सांसद बने. वह 1999 से 2003 के बीच केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री भी रहे.
तेलंगाना में कौन ठोक रहे दावेदारी
बात कर लें तेलंगाना की तो यहां केसीआर सरकार को बड़ा झटका लगा जो कि करीब 10 वर्षों से राज कर रही थी. लेकिन, अब कांग्रेस की सरकार आने वाली है. ऐसे में सीएम पद के लिए संभावित चेहरे की बात कर लें तो तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी का नाम सामने आ रहा है. रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में पार्टी ने विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया है. पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से रेड्डी को जीत का श्रेय दिया जा रहा है और इस बीच चर्चा है कि उन्हें तेलंगाना का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. रेड्डी पहले तेलुगु देशम पार्टी से भी विधायक रहे हैं. कभी वह एबीवीपी के सदस्य भी रहे हैं. 2021 में उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाला था. पार्टी को मजबूत करने के लिए उन्होंने कई निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा किया. यहां तक कि वह बीआरएस के कई नेताओं को कांग्रेस में शामिल कराने में भी सफल रहे.