कूच बिहार ट्रॉफी में ब्रायन लारा वाली पारी खेलने के बाद प्रखर चतुर्वेदी छाए हुए हैं. 18 वर्षीय प्रखर ने नाबाद 404 रन बनाने के लिए 638 गेंदों का सामना किया, जबकि 46 चौके और 3 छक्के उड़ाए. इसके साथ ही उन्होंने भारत के विश्व वितेता ऑलराउंडर युवराज सिंह का रिकॉर्ड चकनाचूर कर दिया. चतुर्वेदी पहले ऐसे खिलाड़ी बने, जिन्होंने कूच बिहार ट्रॉफी फाइनल में 400 या उससे अधिक रन बनाए. उनसे पहले यह रिकॉर्ड युवी के नाम था, जिन्होंने 24 साल पहले 358 रन की पारी खेली थी. आइए जानते हैं प्रखर के बारे में 5 खास बातें...
प्रखर के पिता सॉफ्टवेयर इंजीनियर, मां हैं DRDO में
चतुर्वेदी एक ऐसे परिवार से आते हैं, जहां खेल की अपेक्षा शिक्षा को ज्यादा महत्व दिया जाता है. उनके पिता संजय कुमार चतुर्वेदी इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी में एक सॉफ्टवेयर फर्म के मालिक हैं, जबकि उनकी मां रूपा डीआरडीओ में तकनीकी सलाहकार हैं. हालांकि, बेटे ने दोनों से इतर क्रिकेटर बनना स्वीकार किया. रोचक बात यह है कि उनके पैरेंट्स कभी उनके सपने के बीच नहीं आए.
8 वर्ष की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया, कोच कार्तिक जेशवंत को जाता है श्रेय
प्रखर ने करियर के बारे में बताया- जब मैंने 8 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया था, तब से वे (माता-पिता) मेरा बहुत समर्थन करते रहे हैं. उन्होंने अपनी सफलता के लिए कोच कार्तिक जेशवंत को श्रेय दिया. जेशवंत यहां पदुकोण-द्रविड़ उत्कृष्टता केंद्र में सिक्स क्रिकेट अकादमी में चतुर्वेदी को ट्रेनिंग देते हैं. प्रखर ने कहा- जेशवंत सर तकनीकी रूप से बहुत जानकार हैं. वह मेरी बल्लेबाजी में छोटी से छोटी तकनीकी गलती को भी तुरंत पहचान लेते हैं.
कर्नाटक को दिलाया कूच बिहार ट्रॉफी का खिताब
चतुर्वेदी ने भारत के पूर्व बल्लेबाज युवराज सिंह के 358 रन के 24 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया. यह कूच बिहार खिताबी मुकाबले में पिछला सर्वोच्च स्कोर था. चतुर्वेदी की पारी के दम पर कर्नाटक ने शिवमोग्गा में फाइनल में मुंबई के 380 रन के जवाब में 223 ओवर में 8 विकेट पर 890 रन बनाए. लीड के अनुसार कर्नाटक विजयी रहा. लारा वाली पारी खेलने के बाद प्रखर बोले- यह बहुत अच्छा अहसास है. मुझे खुशी है कि फाइनल में पारी ने कर्नाटक को पहला खिताब (कूच बिहार) हासिल करने में मदद की. थोड़ा थका हुआ महसूस कर रहा हूं लेकिन हां, खिताब जीतने वाली टीम की खुशी की कोई तुलना नहीं कर सकता. आप इसमें योगदान दे रहे हैं.
कोच जेशवंत रहे हैं कर्नाटक के कप्तान और सिलेक्टर
दूसरी ओर, जेशवंत कर्नाटक के पूर्व कप्तान, कोच और सिलेक्टर रहे हैं. जेशवंत अपने शिष्य के बारे में कहते हैं- प्रखर एक समर्पित लड़का है. वह अपने घर (बेलंदूर) से अकादमी (देवनहल्ली के पास) आते रहते हैं, जो काफी दूर है. उनकी अच्छी तकनीक के अलावा, उनकी सबसे बड़ी खूबी प्रेशर में बेहतर काम करने की उनकी क्षमता है. हम उन्हें जल्द ही सफलता की सीढ़ियां चढ़ते हुए देख सकते हैं.
मौजूदा कोच ने क्या कहा
कर्नाटक के पूर्व सलामी बल्लेबाज और उनके मौजूदा अंडर-19 कोच केबी पवन को खेल में चतुर्वेदी की प्रगति पर कोई संदेह नहीं है. दूसरी ओर, सोशल मीडिया पर प्रखर की काफी तारीफ हो रही है. उनकी लंबी पारी खेलने की कूवत को देखते हुए माना जा रहा है कि वह जल्द ही रणजी ट्रॉफी में खेलते नजर आ सकते हैं.