जनसुराज के सूत्रधार व राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर अपनी पदयात्रा को लेकर समस्तीपुर पहुंचे. जहां उन्होंने कहा कि, बिहार और समस्तीपुर में ग्रामीण सड़कों की स्थिति करीब-करीब वही है, जो पिछले 15-20 साल पहले हुआ करती थी. वारिसनगर की स्थिति आप देख ही रहे हैं. प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि, सड़क और बिजली में सुधार दिखा है. चाहे केंद्र सरकार की सड़क हो या राज्य सरकार की, राष्ट्रीय मार्ग और राजकीय मार्ग में सुधार दिखा है. लेकिन, जहां तक पंचायती राज की सड़क है, ग्रामीण कार्य की सड़क है, प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री संपर्क योजना की सड़क है, ग्रामीण सड़कों की स्थिति करीब-करीब वही है, जो पिछले 15-20 साल पहले हुआ करती थी.
प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि, अभी मैं आपके क्षेत्र में आया हूं, यहां वारिसनगर की मुख्य सड़क के हालात आप देख ही रहे हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि 10 वर्षों से ये इसी दुर्दशा में है, जो लोग बिहार में बेहतर सड़क की बात करते हैं, उनको इसका फर्क समझना चाहिए. नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे ठीक हो गया. लेकिन, प्रखंड व पंचायतों की सड़क पहले से भी बदतर या उसी हालात में है. बता दें कि, प्रशांत किशोर की पदयात्रा के दौरान बड़ी संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. उन्होंने कई बातें लोगों के साथ साझा की.
समस्तीपुर के वारिसनगर में पत्रकारों से बातचीत में प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि, निश्चित तौर पर बिहार में बिजली हर गांव, हर घर में पहुंच गई है. बिजली को लेकर जो समस्या है वो बढ़े हुए या गलत बिल का आना है. कटिहार के बरसोई में जो घटना हुई है, वो इसी का उदाहरण है. हर गांव में जब हम जा रहे हैं, तो लोग बताते हैं कि बिजली बिल बहुत ज्यादा आता है. दो हजार, चार हजार, दस हजार, 75 हजार, डेढ़ लाख रुपए तक बिजली बिल लोगों ने दिखाया है. एक बार गलत बिजली बिल आ गया, तो आपके पास कोई उपाय नहीं है. डीसीएलआर के ऑफिस का चक्कर लगाते रहिए या लोक अदालत में घूमते रहिए कोई उपाय नहीं होगा.
बता दें कि, प्रशांत किशोर 267 दिनों से बिहार में पदयात्रा कर रहे हैं. शनिवार को वह समस्तीपुर के किशनपुर मैदान रामपुर बिशुन से होते हुए बीरसिंहपुर हाई स्कूल बीरसिंहपुर तक गए. इस दौरान 8 गांवों में गए और 11.9 किलोमीटर तक पदयात्रा की. वे किशनपुर, कुसैया, सुखपुर, चक झाफार, खजौरी, गोविंदपुर खजौरी, अकबरपुर, बीरसिंहपुर तक गए. प्रशांत किशोर पैदल चल कर लोगों को वोट की ताकत का एहसास दिला रहे हैं. बीते दिनों में प्रशांत किशोर 2500 किलोमीटर से अधिक पदयात्रा कर 3500 से अधिक गांवों में जा चुके हैं.