समस्तीपुर. दिल्ली में नए संसद भवन के सामने महापंचायत में शामिल होने जा रहे पहलवानों और पुलिस के बीच रविवार को झड़प हुई. झड़प की वजह थी कि पुलिस ने महापंचायत बुलाने की इजाजत नहीं दी थी. इस दौरान ओलंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा घेरा तोड़कर ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश की जिसके बाद कानून-व्यवस्था का उल्लंघन करने के आरोप में उन्हें हिरासत में ले लिया था.
जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह और रेसलर्स के बीच इस विवाद पर प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि खिलाड़ियों की मांग है तो मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. निष्पक्ष जांच का एक मानक मापदंड ये होता है कि जिस व्यक्ति पर आरोप लगाया है, व्यक्ति आरोपी है या नहीं इसका फैसला तो जांच के बाद ही होगा, लेकिन उस व्यक्ति को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, ताकि मामले की निष्पक्ष जांच हो सके. प्रशांत किशोर ने पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का उदाहरण देते हुए कहा कि हवाला केस की डायरी में नाम आने पर आडवाणी जी ने अपना इस्तीफा दे दिया था. उनका कहना था कि पहले इस मामले की जांच हो जाए फिर मुक्त होकर वापस आऊंगा. उन्होंने आगे कहा कि इस मामले में तो भारत के बड़े-बड़े खिलाड़ियों ने आरोप लगाए हैं तो इस आरोपों की निष्पक्ष जांच के लिए सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए.
दरअसल, महिला रेसलर्स ने WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं और वे उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर 23 अप्रैल से धरना दे रही हैं.