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2015 के बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर बड़ा खुलासा, नीतीश के सात निश्चय की क्या है हकीकत ?

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प्रशांत किशोर इन दिनों अपनी पार्टी लॉन्च करने की तैयारी में लगे हैं। इस दौरान वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सभी योजनाओं को फेल बता रहे हैं। इसी सहारे वो अपनी पार्टी जन सुराज के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि 2015 में उनकी सरकार बनाने में उन्होंने अपना कंधा लगाया। कई योजनाएं शुरू करने में उनकी मदद की। उन्होंने यह बताने की कोशिश की के साथ निश्चय की योजना उन्होंने ही दी थी। लेकिन उनके सात निश्चय योजनाओं के तहत जो योजना शुरू की गई। उस पर अब तक कोई काम नहीं हो सका है | प्रशांत किशोर ने ये बातें मधेपुरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 7 निश्चय योजना को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भूल गए हैं। इसका कोई हिसाब उन्होंने नहीं दिया। प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि उन्होंने कुर्सी बचाने के चक्कर में सभी 7 निश्चय की योजनाओं को भुला दिया। उन्होंने जो वादा किया था वह अब तक पूरा नहीं हो सका है। प्रशांत किशोर ने एक-एक योजनाओं को गिनाया। उसके फेल होने की कहानी भी बताई। प्रशांत किशोर लगातार बिहार सरकार पर हमले कर रहे हैं। लोगों को समझा रहे हैं कि उन्होंने जो योजना बिहार सरकार को बताया, उसका वर्तमान में क्या हाल है। प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के युवाओं से वादा किया था कि उनकी सरकार हर 18 से 35 साल के बेरोजगार युवा को एक हजार का बेरोजगारी भत्ता देंगी। सात निश्चयों में से एक निश्चय यह भी था कि 1 करोड़ से ज्यादा परिवारों के बच्चों को 12वीं के आगे पढ़ाई करने के लिए सस्ता कर्ज दिया जाएगा। लेकिन बिहार सरकार के आंकड़ों के अनुसार पिछले 10 सालों में मात्र 9 लाख को ही इसका फायदा मिला। पीके ने पूरी पोल पट्टी खोलकर रख दी। उन्होंने बताया कि इस योजना से बच्चों को लाभ नहीं मिला। 

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