बुधवार को प्रेस वार्ता में जन सुराज के कार्यवाहक अध्यक्ष मनोज भारती ने यह घोषणा की कि कुछ विशेष कारणों से बिहार के आगामी उप-चुनाव से पहले पार्टी को अपने कुछ उम्मीदवारों को बदलना पड़ा है। इस महत्वपूर्ण बदलाव की जानकारी देते हुए जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि गया के बेलागंज और भोजपुर के तरारी क्षेत्र में पार्टी के उम्मीदवारों को बदल दिया गया है। प्रशांत किशोर ने बताया कि बेलागंज से अब अमजद भाई और तरारी से किरण सिंह जन सुराज के नए उम्मीदवार होंगे। प्रशांत किशोर ने इस बदलाव के कारणों को बताते हुए कहा कि बहुत से लोग अब इस बदलाव को लेकर टिप्पणियाँ करेंगे और कहेंगे कि जन सुराज ने अपने पहले ही कदम पर धक्का खा लिया। लेकिन मैं इसमें कुछ भी छिपाना नहीं चाहता। हम एक नई पार्टी हैं, और हमसे एक-दो गलतियाँ हो सकती हैं, परंतु हमारे प्रयासों में कोई कमी नहीं होगी। हम पूरी शुद्धता और ईमानदारी से काम करेंगे। प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया कि जो पूर्व उम्मीदवार बनाए गए थे, वो भी हमारे साथ ही मंच पर बैठे हैं और यह दिखाता है कि पार्टी में पारदर्शिता और एकता है। उन्होंने कहा की आम जनता के लिए चुनाव लड़ना आसान बात नहीं हैं। तरारी के पूर्व उम्मीदवार श्री कृष्ण सिंह का उदाहरण देते हुए कहा, इनसे बड़ा उदाहरण कोई नहीं हो सकता। ये भारतीय सेना में सेवा कर चुके हैं, सियाचिन जैसे दुर्गम क्षेत्रों में सेना का नेतृत्व कर चुके हैं, लेकिन तरारी के बेटे तरारी में चुनाव नहीं लड़ सकते क्योंकि उनका नाम यहाँ की मतदाता सूची में नहीं है। श्री कृष्ण सिंह एक जिम्मेदार नागरिक हैं, और उनका नाम नोएडा की मतदाता सूची में था, जहाँ वह पहले कार्यरत थे। हमने प्रशासन से आग्रह किया था कि उनका नाम तरारी की सूची में जोड़ा जाए, लेकिन प्रशासन ने नियमों का हवाला देते हुए इसे अस्वीकार कर दिया। प्रशांत किशोर ने आगे कहा, इस स्थिति में या तो हम इसे राजनीतिक मुद्दा बना सकते थे या फिर सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ सकते थे। जनरल साहब ने मझसे कहा कि वह यहाँ सेवा करने आए हैं, और अगर भगवान की मर्जी यही है कि वह पहले सेवा करें और फिर पद पर जाए, तो इसमें कोई समस्या नहीं है। इसी विचार के आधार पर हमने किरण सिंह को उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया है।प्रशांत किशोर ने किरण सिंह के बारे में बताते हुए कहा, किरण जी ने समाज में कई अच्छे कार्य किए हैं, खासकर बच्चों और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए। उनके अच्छे कामों को देखते हुए उन्हें तरारी से उम्मीदवार बनाया गया है। बेलागंज के बारे में बोलते हुए प्रशांत किशोर ने बताया कि यह क्षेत्र भी काफी चुनौतियों से भरा हुआ है। हमने पहले अमजद भाई को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन अमजद भाई ने खुद सुझाव दिया कि उनकी जगह प्रोफेसर खिलाफत हुसैन चुनाव लड़ें। जब मैंने उनसे पूछा कि वह खुद चुनाव क्यों नहीं लड़ना चाहते, तो उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ना आसान नहीं है, खासकर उनके जैसे सामान्य परिवारों के लिए। अमजद भाई ने पहले भी 2-3 चुनाव लड़े हैं, और इन चुनावों ने उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया है। प्रशांत किशोर ने कहा कि अमजद भाई ने यह निर्णय लिया कि प्रोफेसर खिलाफत हुसैन चुनाव लड़ें, लेकिन बाद में जनता और पार्टी के दबाव के चलते अमजद भाई ने खुद चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।