बुधवार को 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती पर जन सुराज आधिकारिक तौर पर दल में परिवर्तित हो गया हैं। पटना के वेटनरी कॉलेज ग्राउंड में लाखों की संख्या से बिहार के कोने-कोने से आए लोगों की सहमति से जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने दल के पहले कार्यवाहक अध्यक्ष के साथ साथ दल के संविधान के पांच प्रमुख प्रावधानों को बिहार और देश की जनता के समक्ष रखा। प्रशांत किशोर ने अपने संबोधन में सबसे पहले जनता को जन सुराज के पांच बड़े वादों को जनता के सामने रखा। पहला बिहार को फिर से ज्ञान की भूमि बनाना। बिहार के गौरवशाली इतिहास में पूरे विश्व से लोग नालंदा और विक्रमशिला में ज्ञान प्राप्ति के लिए आते थे। उस बिहार में उसके बच्चों के लिए फिर से ऐसी व्यवस्था बनाना। दूसरा हर युवा के हाथ में बिहार में ही रोजगार ताकि बिहार से पलायन को बंद कर सके। तीसरा हर 60 वर्ष की आयु से ऊपर हर महिला- पुरुष को प्रतिमाह 2 हजार रुपए की पेंशन। इसी के साथ महिलाओं को सरकारी गारंटी पर व्यवसाय के लिए 4 प्रतिशत सालाना ब्याज पर पूंजी उपलब्ध कराना और पांचवा वादा कि बिहार के किसानों को सहयोग करके बिहार में हो रही पेट भरने वाली खेती से कमाने वाली बनाना। प्रशांत किशोर ने आज बिहार को यह सुनिश्चित कराया की जन सुराज आएगा और यह 5 काम हो जाएंगे। प्रशांत किशोर ने दल की घोषणा करने के बाद इसके पहले कार्यकारी अध्यक्ष पूर्व भारतीय राजनयिक मनोज भारती के नाम को औपचारिक तौर पर लोगों के बीच रखा। प्रशांत ने मनोज भारती का परिचय देते हुए बताया कि इनका जन्म मधुबनी में हुआ है और ये अनुसूचित जाति से आते हैं। मनोज की शुरुआती शिक्षा जमुई के सरकारी विद्यालय से हुई और उसके बाद उन्होंने नेतरहाट से पढ़ाई की। उन्होंने IIT कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की। फिर IIT दिल्ली में पढ़ाई करते हुए उनका चयन भारतीय विदेश सेवा में हुआ। वे चार देशों में देश के राजदूत रहे भी रहे। प्रशांत किशोर ने जन सुराज दल के संविधान के प्रमुख प्रावधानों को भी जनता के सामने रखा और उनकी इन सभी पर सहमति भी ली। सबसे पहले उन्होंने बताया की जन सुराज के अध्यक्ष का कार्यकाल 1 साल का होगा और लीडरशिप काउंसिल का 2 साल। दूसरा उन्होंने बताया की जन सुराज देश का पहला दल होगा जो Right to Recall (राइट टू रिकॉल) लागू करेगा। जनता ही अपना उम्मीदवार का चयन करेगी और उनको मध्य कार्यकाल में ही हटाने का अधिकार भी जनता के पास होगा। इसी के साथ में उन्होंने महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए ऐलान किया कि जन सुराज ने चुनाव आयोग को अपने आधिकारिक झंडे के लिए आवेदन किया है उसमे महात्मा गांधी के साथ-साथ बाबा साहेब अंबेडकर का भी चित्र होगा। जन सुराज के नव चयनित कार्यकारी अध्यक्ष मनोज भारती ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि आप बिहार से बिहारी को दूर कर सकते हैं पर उनके दिल से बिहारी मानसिकता को नहीं निकाल सकते हैं। उन्होंने उत्तर बिहार में आए बाढ़ पर चिंता व्यक्त की और कहा कि जन सुराज यह सुनिश्चित करेगा कि जो नदियाँ बिहार के लिए अभिशाप बन गई हैं, उन्हें जन सुराज वरदान बना सके। अपने राजनयिक जीवन का उदहारण देते हुए उन्होंने कहा कि जब वह किसी विदेशी नेता या राजनयिक को तोहफा देते थे तो वह मधुबनी की चित्रकला, भागलपुर का सिल्क, आदि होता था। साथ ही उन्होंने अपने नेतरहाट के दिनों को याद करते हुए अपने अनुभवों को भी साझा किया। जन सुराज को उन्होंनें एक ऐसी पार्टी बताया जो गहन अध्ययन करने के बाद ठोस निर्णय लेती है। प्रशांत किशोर और मनोज भारती के साथ-साथ नालंदा विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी केसी सिन्हा, वरिष्ठ अधिवक्ता वाई बी गिरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र यादव, पूर्व सांसद मोनाजीर हसन, रामबली चंद्र वंशी ने भी जनता को संबोधित किया।