महादलित आयोग के अध्यक्ष बनने के बाद दूसरी बार संतोष निराला बक्सर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने जिला अतिथि गृह में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि, बिहार के विकास पुरुष नीतीश कुमार के द्वारा मेरे कंधे पर एक बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. समाज के जो सबसे पिछले पायदान पर बैठे हुए अनुसूचित जाति-जनजाति समाज के जो लोग हैं, उनको कैसे मुख्य धारा में लाया जाए और वह भी विकास के पथ पर आगे बढ़े इसके लिए पूरे बिहार के अनुसूचित जाति-जनजाति टोले का सर्वे किया जा रहा है. जिससे यह पता चल सके कि, सरकार द्वारा चलाई जाने वाली कौन-कौन सी योजनाओं का उन्हें कितना लाभ मिल रहा है.
वहीं उन्होंने कहा कि, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाज के सभी तबके के लोगों के उत्थान के लिए चिंतित हैं. खास कर आज भी आजादी के 77 साल बाद समाज के जो पिछले पायदान पर बैठे हुए अनुसूचित जाति-जनजाति समाज के लोग हैं, उनको कैसे मुख्यधारा में लाया जाए इसको लेकर सरकार कई योजना चला रही है. लेकिन, उन योजनाओं का लाभ उन्हें कितना मिल रहा है, इसका भी सर्वे आयोग किया जा रहा है. सितंबर महीने में इसको लेकर अधिकारियों के साथ बिहार के तमाम जिलों में फेज वाइज बैठक की जाएगी.
इसके साथ ही उन्होंने पूरे देश के आंकड़ों को बताते हुए कहा कि, अनुसूचित जाति-जनजाति समाज के लोगों के उत्थान के लिए देश के सभी राज्यों से अधिक योजना बिहार में सरकार के द्वारा चलाया जा रहा है. उनकी स्थिति और बेहतर कैसे हो इस दिशा में पहल किया जा रहा है. गौरतलब है कि, बक्सर में कई ऐसे महादलित टोले हैं जहां आज भी जाने के लिए संपर्क पथ नहीं है. नालियों की पानी और गंदगी के बीच उनका जीवन चल रहा है. राज्य सरकार के द्वारा वैसे भूमिहीनों के आवासन के लिए जो जमीन उपलब्ध कराने की बात कही गई थी, वह भी केवल कागजों पर ही है.