मोतिहारी पुलिस की कार्यशैली पर एक बार फिर बड़ा सवालिया निशान लग गया है और इस बार उन पर पेशी के लिए न्यायालय में लाये गए दो विदेशी कैदी के फरार होने का दाग लगा है. दोनों आरोपियों को NDPS एक्ट में 19 जनवरी को बंजरिया थाना क्षेत्र से चरस बरामद होने पर गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद से ही दोनों नेपाली नागरिक मोतिहारी सेंट्रल जेल में बंद थे. लेकिन, जब उन्हें कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया गया तो दोनों भाग निकले. वहीं, इस मामले में एसपी ने पुलिसकर्मियों पर तत्काल एक्शन लिया है.
मिली जानकारी के मुताबिक, सिविल कोर्ट में पेशी के लिए लाए गए दो बंदी सिपाही को चकमा देकर फरार हो गए. दोनों आरोपियों को 10 किलो चरस के साथ बंजरिया थाने से पकड़ा गया था. कल दोनों को पेशी के लिए जब कोर्ट लाया गया तभी ये दोनों बंदियों ने सिपाहियों को हथकड़ी के रस्सी से बांध कर कैदी हाजत के बाथरुम में बंद कर दिया और भाग गए. फरार हुआ एक बंदी नेपाल के बारा जिले स्थित कलेया थाना क्षेत्र के पनटोका भेलिया गांव का रहने वाला राकेश यादव है. वहीं, दूसरा परसा जिला स्थित लंगरी थाना क्षेत्र के भिसवा गांव का रहने वाला राजेश यादव है. दोनों 20 जनवरी से जेल में थे. बंदियों के फरार होने को लेकर नगर थाना में प्राथमिकी के लिए आवेदन दिया गया है.
मामले के संबंध में मोतिहारी एसपी कांतेश कुमार मिश्र ने बताया कि, फरार बंदियों के गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है. साथ में सीमावर्ती क्षेत्र में पुलिस की सक्रियता बढ़ा दी गई है. पुलिस जगह-जगह पर जांच अभियान चला रही है. एसपी कांतेश मिश्र ने बंदियों के सिविल कोर्ट से फरार होने की घटना की जांच की जिम्मेवारी सदर एसडीपीओ आईपीएस श्रीराज को दिया है. साथ ही तत्काल प्रभाव से बंदियों के साथ आए सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया है. जबकि हाजत प्रभारी को शोकॉज नोटिस दिया गया है.