बिहार में नई सरकार का गठन हो गया है. जिसके बाद एक तरफ जहां सत्ता पक्ष में मंत्रियों का विभाग बदल गया है तो वहीं विपक्ष में सभी नेता ने अपना-अपना कार्यभार संभाल लिया है. इसी क्रम में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी बिहार विधान परिषद में विरोधी दल की नेता बन गई हैं. इसके साथ ही एमएलसी सुनील सिंह को भी अहम कार्यभार दिया गया है. दरअसल, सुनील सिंह को मुख्य सचेतक बनाया गया है. वहीं, इसे लेकर राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने पार्टी की ओर से विधान परिषद के सभापति देवेशचंद्र ठाकुर को पत्र लिख कर अनुरोध भी किया था.
जगदानंद सिंह ने दी सूचना
विधान परिषद के सभापति देवेशचंद्र ठाकुर को जगदानंद सिंह ने पत्र के जरिये यह सूचना दी थी कि, राजद विधानमंडल दल की बैठक में परिषद की सदस्य राबड़ी देवी को सर्वसम्मति से नेता विरोधी दल चुना गया है. इसके अलावे एक अन्य पत्र में उन्होंनेसूचना दी थी कि, राजद विधानमंडल की बैठक में डॉ. सुनील कुमार सिंह को विरोधी दल का मुख्य सचेतक चुना गया है. बता दें कि, शुक्रवार को परिषद के सभापति देवेशचंद्र ठाकुर ने 15 फरवरी 2024 के प्रभाव से उन्हें मान्यता प्रदान कर दी. इसे भी लेकर परिषद के सचिव अखिलेश कुमार झा ने अधिसूचना जारी कर दी.
15 फरवरी को महेश्वर हजारी ने की घोषणा
आपको याद दिला दें कि, इसस पहले 15 फरवरी को बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ने घोषणा की थी कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सदन के नेता के रूप में मान्यता दी जाती है. इसके बाद उन्होंने घोषणा की कि, तेजस्वी यादव को नेता विरोधी दल की मान्यता दी जाती है. साथ ही सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष निर्वाचित होने पर नंदकिशोर यादव ने सदन के सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि, विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बाजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का आभारी हूं. साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा और नेता विरोधी दल तेजस्वी यादव के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं.