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लोकसभा में राहुल गांधी के बढ़े हुए आत्मविश्वास के दम पर कांग्रेस कितनी मज़बूत होगी?

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को मणिपुर में जारी हिंसा के मुद्दे पर संसद में सरकार के ख़िलाफ़ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बहस में मोदी सरकार की तीखी आलोचना की. उन्होंने कहा कि ‘केंद्र सरकार भारतीय सेना का इस्तेमाल करके मणिपुर में जारी हिंसा को एक दिन में रोक सकती थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया.’उन्होंने केंद्र सरकार पर देश द्रोही होने का आरोप लगाया, जिस पर बीजेपी सांसदों ने आपत्ति जताई.

पिछले महीने 20 जुलाई से शुरू हुए संसद के मॉनसून सत्र में राहुल गांधी का ये पहला भाषण था. इससे पहले तक मोदी सरनेम विवाद में अपनी संसद सदस्यता खोने की वजह से वह लोकसभा की कार्यवाही में शामिल नहीं हो पा रहे थे. बीते शुक्रवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद ही उनकी संसद सदस्यता बहाल की गई है. सांसदी बहाल होने के बाद राहुल सोमवार को संसद पहुंचे. ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत राहुल गांधी करेंगे लेकिन इसकी शुरुआत असम से कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने की. राहुल गांधी ने मंगलवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर अपना भाषण दिया.

मणिपुर पर क्या बोले राहुल गांधी?


राहुल गांधी ने अपने 37 मिनट लंबे भाषण में से लगभग 50 फीसद वक़्त मणिपुर के मुद्दे को दिया. भाषण की शुरुआत में उन्होंने अपनी भारत जोड़ो यात्रा और उसमें मिले अनुभवों का ज़िक्र किया. इसके बाद मणिपुर में जारी हिंसा पर उन्होंने बोलना शुरू किया. उन्होंने कहा, “मैं कुछ ही दिन पहले मणिपुर गया. हमारे प्रधानमंत्री आज तक नहीं गए क्योंकि उनके लिए मणिपुर हिंदुस्तान नहीं है. मणिपुर को आपने दो भागों में बांट दिया है.”

अपने मणिपुर दौरे के दौरान मिले अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा, “एक औरत ने मुझसे कहा कि उनका बेटा हिंसा में मारा गया और वो उसकी लाश के साथ पूरी रात रहीं. वो अपना घर-बार छोड़कर आ गईं और उनके पास सिर्फ़ अपने मारे गए बेटे की फ़ोटो थी.”

राहुल गांधी ने एक अन्य हिंसा प्रभावित महिला का ज़िक्र करते हुए कहा, “मैं एक दूसरी औरत से मिला जिनसे मैंने पूछा कि तुम्हारे साथ क्या हुआ तो वो औरत कांपने लगी और बेहोश हो गई. ये मैंने सिर्फ़ दो उदाहरण दिए हैं. इन्होंने सिर्फ़ मणिपुर का नहीं बल्कि हिंदुस्तान का क़त्ल किया है.” जब राहुल गांधी ‘हिंदुस्तान का कत्ल किए जाने’ की बात कह रहे थे तभी उनके साथ बैठे किसी सांसद ने भारत माता शब्द इस्तेमाल करने की ओर इशारा किया. इसके बाद राहुल गांधी ने कहा,“मणिपुर के लोगों की हत्या करके आपने भारत माता की हत्या की है, आप ने ये करके देशद्रोह किया है. इस वजह से पीएम मोदी मणिपुर में नहीं जाते हैं. एक मां मेरी यहां बैठी है और दूसरी मां को आपने मणिपुर में मारा है.” जिस वक़्त राहुल गांधी ये बातें कह रहे थे, उस वक़्त उन्हें बीजेपी सांसदों की ओर से काफ़ी शोर-शराबे का सामना भी करना पड़ रहा था. लेकिन इसके बाद भी राहुल गांधी ने बोलना जारी रखा.

राहुल गांधी की राजनीतिक शैली को देखा जाए तो ये अंदाज़ काफ़ी ख़ास था. राहुल गांधी पिछले कई सालों से संसद में बोल रहे हैं. लेकिन इस भाषण की ख़ास बात ये है कि उन्होंने तेज विरोध के बाद भी बोलना जारी रखा. पहले वो रुक जाते थे, अटकने लगते थे. अटकना आज भी दिखा. लेकिन उनका आत्मविश्वास ज़रूर बढ़ा है. ख़ास तौर पर सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने, सदस्यता बहाल होने और भारत जोड़ो यात्रा के दौरान लोगों के बीच में जाने से उनके आत्म विश्वास में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है जो आज नज़र भी आ रहा था. भाषण के अंत में जब तेज शोर-शराबे और विरोध के बीच उन्होंने बोलना जारी रखा और जिस लहजे में बोला, वो कुछ नया था. और ये उन्होंने पिछले दस सालों में धीरे-धीरे सीखा है.”

राहुल गांधी ने अपने 37 मिनट लंबे भाषण में से चालीस फीसद से ज़्यादा समय भारत जोड़ो यात्रा के अनुभव साझा करने में बिताया. उन्होंने बताया कि इस यात्रा के दौरान किस तरह उनके अंदर समाई अहंकार की भावना ख़त्म हुई. उन्होंने कहा, “सालों से मैं हर रोज़ आठ-दस किलोमीटर दौड़ता हूं. मेरे दिमाग़ में था कि अगर मैं दस किलोमीटर दौड़ सकता हूं तो 25 किलोमीटर चलने में क्या है...कोई बड़ी बात नहीं है. ये मैंने सोचा था. आज मैं उस भावना को देखूं तो वो अहंकार था कि मैं ऐसा कर सकता हूं, ये मेरे लिए कुछ नहीं है. मेरे दिल में उस वक़्त अहंकार था.''

'मगर भारत अहंकार को एक दम मिटा देता है. क्योंकि दो-तीन दिन में मेरे घुटने में दर्द शुरू हो गया. जब भी ये (घुटनों को लेकर) डर बढ़ता था तब कोई न कोई शक्ति आ जाती थी. एक दिन एक छोटी बच्ची ने आकर मुझे चिट्ठी दी और वो कहने लगी कि मैं आपके साथ चल रही हूं. इसने मुझे शक्ति दी.” इसके साथ ही उन्होंने रामायण का ज़िक्र करते हुए कहा कि रावण की लंका को हनुमान ने नहीं, उसके अहंकार ने जलाया था......उन्होंने कहा, “रावण दो लोगों की सुनता था- मेघनाथ और कुंभकर्ण. इसी तरह नरेंद्र मोदी जी दो लोगों की सुनते हैं- अमित शाह और अदानी. लंका को हनुमान ने नहीं बल्कि रावण के अहंकार ने जलाया था. राम ने रावण को नहीं मारा था बल्कि रावण के अहंकार ने उसे मारा है.” राहुल गांधी ने जिस अंदाज़ में भाषण दिया, उसमें नैतिक साहस की झलक मिलती है.

राहुल गांधी ने जिस तरह भाषण दिया, उनमें आत्मविश्वास, नैतिक साहस और दृढ़ निश्चय नज़र आया. पहले उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा का ज़िक्र किया. लेकिन जब वह मणिपुर पर बोले तो दिल से बोले. भावनाएं ज़ाहिर करते हुए बोले. और ऐसी बातें बोले जो बीजेपी और नरेंद्र मोदी जी को काफ़ी समय तक कचोटेंगी और असहज करेंगी. जिस तरह उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की मणिपुर में हत्या हुई, भारत माता की हत्या हुई, ये ऐसे नैरेटिव हैं जिसमें भाजपा अपने आपको मज़बूत समझती है. लेकिन राहुल गांधी ने इस फ्रंट पर बेहद पैनेपन के साथ कम समय में अपनी बात रखी.”

संसद में राहुल गांधी जब मणिपुर में अपने दौरे का ज़िक्र कर रहे थे तो सत्ता पक्ष की ओर से किसी ने पूछा कि वह राजस्थान कब जा रहे हैं. राहुल गांधी ने इसके जवाब में बिना एक पल गंवाए कहा कि ‘आज ही जा रहा हूं.’ राहुल गांधी की ओर से इस तरह बिना रुके प्रति-उत्तर दिया जाना बेहद ख़ास है.

अब राहुल गांधी उभरते हुए राजनेता की तरह दिखने लगे हैं. हालांकि, उन्हें ऐसा दिखने में काफ़ी वक़्त लगा है. वह पिछले 20-25 सालों से राजनीति में हैं. लेकिन अब वह तुरंत जवाब देना सीख गए हैं. वो अब भी अटक-अटककर बोलते हैं. लेकिन वह ये स्वीकार भी करते आए हैं कि एक राजनेता के रूप में उनकी कमज़ोरी उनके न बोलने की है. लेकिन एक राजनेता के रूप में जो उनका आत्मविश्वास बढ़ा है, वो संसद में नज़र आ रहा था. उन्होंने अपना भाषण अदानी पर व्यंग्य के साथ शुरू किया. फिर रूमी का ज़िक्र किया. पहले उनके भाषणों में ये सब नहीं दिखता था. इससे लगता है कि वह पूरी तैयारी के साथ आए थे.”

राहुल गांधी के भारत माता वाले बयान पर बीजेपी ने उन्हें और कांग्रेस पार्टी को घेरना शुरू कर दिया है. अमेठी से सांसद स्मृति ईरानी ने सदन में ही भारत-माता की हत्या वाले बयान पर कांग्रेसी सासंदों की आलोचना की. उन्होंने कहा, “मणिपुर भारत का अभिन्न अंग है, हमेशा भारत का था, है, और रहेगा. आज देश देख रहा है कि जब भारत माता की हत्या की बात हुई, तब कांग्रेस ताली बजा रही थी.'' इसके साथ ही बीजेपी ने सोशल मीडिया पर भी राहुल गांधी को उनके इस बयान के लिए घेरना शुरू कर दिया है. राहुल गांधी ने भारत माता के संदर्भ में जो बयान दिया, उसे लेकर उन्हें सतर्क रहना होगा.

बीजेपी ये अच्छी तरह जानती है कि किस मुद्दे को किस तरह उठाना है. अगर राहुल गांधी के इस बयान को बीजेपी तोड़-मरोड़कर पेश करे और राहुल गांधी उसका मुक़ाबला न कर पाएं तो उनके लिए समस्या होगी. लेकिन संसद में उन्होंने अपने भाषण देने के अंदाज़ से ये दिखा दिया कि उन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता. लेकिन उन्हें जनता के बीच भी खुद को इसी तरह साबित करना पड़ेगा.”

आखिर कांग्रेस कितनी मज़बूत होगी?

कांग्रेस पार्टी को इस साल कर्नाटक जैसे राज्य के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल हुई जहां से राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा गुज़री थी. इसके बाद अब पार्टी अगले साल होने जा रहे तमाम विधानसभा चुनावों और आम चुनाव में जाने की तैयारी कर रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि राहुल गांधी का बढ़ा हुआ आत्मविश्वास उनकी पार्टी को कितना फायदा पहुंचाएगा.

राहुल गांधी की लोकसभा में वापसी कांग्रेस के लिए एक बड़ी जीत है. उसे नैतिक साहस प्रदान करती है. क्योंकि राहुल गांधी पर देश में पिछड़े समझे जाने वाले एक समुदाय का अपमान करने का आरोप था. हालांकि, ये मामला अभी ख़त्म नहीं हुआ है. लेकिन उनकी सदस्यता बहाल होने से राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को एक बड़ा नैतिक बल मिला है. लेकिन लोकतांत्रिक शासन प्रणाली में किसी भी पार्टी या नेता की ताक़त उसकी चुनाव जीतने की क्षमता पर निर्भर करती है. राहुल गांधी को अभी भी चुनावी मैदान में अपनी क्षमता साबित करनी है.

भारत जोड़ो यात्रा के बाद राहुल गांधी अपनी खोई हुई ज़मीन को वापस लाए हैं. उनका हाव-भाव, बॉडी लेंग्वेज़ बदल गया है. लेकिन अब भी सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि कांग्रेस का लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन कैसा रहता है. क्योंकि आप कितने लोकप्रिय हो, इसका पता विधानसभा या लोकसभा चुनाव में आपको मिले मतों की संख्या ही तय करते हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को अपनी पारंपरिक सीट अमेठी में हार का सामना करना पड़ा है....इसके बाद हुए उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को ख़ासा नुकसान उठाना पड़ा.

अब देखना ये है कि राहुल गांधी के बढ़े हुए आत्मविश्वास के दम पर कांग्रेस पार्टी आम चुनावों और विधानसभा चुनावों के साथ-साथ उन राज्यों में कैसा प्रदर्शन करेगी जिनमें उसे पिछले विधानसभा चुनावों में जीत हासिल हुई थी. लेकिन आख़िरकार वहां बीजेपी अपनी सरकार चला रही है.

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