Motihari- निजी क्लिनिक की आड़ में फर्जी डॉक्टर और बिना लाइसेंस के केंद्र चलाए जा रहे हैं. योग के नाम पर लाइसेंस लेने वाले केंद्र में एलोपैथ का इलाज किया जा रहा है. छात्र ही डॉक्टर बनकर इलाज कर रहा है. इसका खुलासा पूर्वी चंपारण के सुगौली में हुआ है.
चिकित्सा जैसे पवित्र पेशे की आड़ में बैठे अवैध डॉक्टर पर शिकंजा कसने को लेकर सुगौली के कई निजी क्लिनिको में धावा दल के द्वारा औचक छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान सुगौली के हॉस्पिटल रोड,बस स्टैंड चौक इत्यादि कई जगहों के आधे दर्जन से ज्यादा क्लिनिको पर औचक धावा बोला गया और यहां क्लीनिक चलाने वाले लोगों की अनुज्ञप्ति, चिकित्सकों का सर्टिफिकेट व अन्य आवश्यक प्रमाण पत्रों की मांग कर जांच की गई। निजी क्लिनिको की जांच की खबर फैलते ही इस प्रकार के अवैध अस्पताल संचालकों में हड़कंप मच गया है और ऐसे संचालक अपने अस्पतालों का शटर गिरा कर फरार होने लगे।
बता दें कि कल छपवा चौक के एक क्लीनिक के डॉक्टर पर इलाज के दौरान एक बृद्ध की मौत की खबर सुर्खियां बनी और इस खबर के बाद स्वास्थ्य महकमा की नींद टूटी है।सुगौली सीएचसी के द्वारा गठित धावा दल के द्वारा औचक छापेमारी शुरू कर दी गई है और उनकी इस कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है। इस दौरान सरकारी अस्पताल के पुर्जे और आशा कार्यकर्ताओं को भी एक निजी अस्पताल में पाया गया। जांच अधिकारी के अनुसार स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील मामले में वैसे लोग इलाज कर रहे हैं जिनके पास कोई भी वैध डिग्री और क्लीनिक चलाने का अनुज्ञप्ति नहीं है।
सुगौली पीएचसी प्रभारी डॉक्टर रिजवी ने बताया कि जन सेवा हेल्थ केयर पर डॉक्टर श्वेता कुमारी इलाज कर रही थी। वहीं डॉक्टर जफर समसुल के पास क्लीनिक चलाने का कोई भी वैध डॉक्यूमेंट नहीं है। शिवांगी हेल्थ केयर को बिना डिग्री के डॉक्टर चला रहे थे। सरस्वती शिशु केंद्र पर डॉक्टर सौरभ कुमार के पास ना तो डिग्री है और न हीं कोई डॉक्यूमेंट है। नवजीवन चाइल्ड केयर के चिकित्सक के पास योगा की डिग्री है और एलोपैथिक का इलाज करते हैं। चंदन हेल्थ केयर का सर्वाधिक संदिग्ध हाल पाया गया।यहां एक विद्यार्थी श्वेता कुमार डांक्टर बन इलाज कर रहा था। यहां सरकारी अस्पताल का पुर्जा और आशा वर्कर्स को भी पाया गया। सभी का जांच प्रतिवेदन जिला में भेजा जा रहा है और उचित कार्रवाई की जाएगी।.
मोतिहारी से प्रशांत की रिपोर्ट