दिल्ली कांग्रेस में झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर के साथ साथ पवन खेड़ा, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने सदस्यता दिलाई। ऐसा बताया जा रहा है कि रामटहल रांची से टिकट चाह रहे हैं।
वहीं, BJP के दूसरे दिग्गज नेता और गिरिडीह से सांसद रहे रविंद्र पांडेय की भी कांग्रेस जॉइन करने की संभावना है। बताया जा रहा है कि रवींद्र पांडेय धनबाद से टिकट की जुगत में हैं।
बता दें कि अविभाजीत बिहार में साल 1988 में भाजपा के अध्यक्ष रह चुके रामटहल चौधरी ने रांची से लोकसभा का पांच बार प्रतिनिधित्व किया है।
पहली बार साल 1991 में 10वीं लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद 1991 से 2004 और फिर साल 2014 से 2019 तक रांची लोकसभा सीट से BJP के सांसद रहे। साल 2019 में उन्हें भाजपा ने टिकट नहीं दी थी। उनकी जगह पार्टी ने संजय सेठ पर भरोसा जताया था। इसके बाद रामटहल चौधरी निर्दलीय चुनाव लड़े, लेकिन वे हार गए।
1996 में कांग्रेस के वरीय नेता कृष्ण मुरारी पांडेय के बेटे रवींद्र कुमार पांडेय भाजपा से लोकसभा चुनाव लड़े और सारे समीकरणों को ध्वस्त करते हुए इस सीट से ऐतिहासिक जीत दर्ज की। उन्होंने जनता दल के सबा अहमद को हराया। दूसरी बार 1998 के मध्यावधि चुनाव में रवींद्र पांडेय BJP के टिकट पर चुनाव लड़े और दुबारा जीत दर्ज की।
2009 लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रवींद्र पांडेय ने 94,738 वोट से जीत दर्ज कर एक इतिहास बना डाला। वहीं 2014 में भी जीत दर्ज कर वे गिरिडीह के पांच बार के इकलौते सांसद बन गए।
इस बार उन्होंने कांग्रेस के राजेंद्र सिंह को हराया। तीसरी बार 1999 के मध्यावधि चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप में रवींद्र पांडेय ने चुनाव लड़ा और तीन बार जीत दर्ज की।