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देश के विभाजन का दर्द सबसे ज्यादा पंजाबियों ने ही भोगा है.. अरुण चावला

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पंजाबियों की शीर्ष संस्था राष्ट्रीय पंजाबी महासंघ ने प्रत्येक वर्ष 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने का निर्णय लिया है.ये जानकारी देते हुए महासंघ,झारखंड के प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी अरुण चावला ने बताया कि पंजाबी इस दर्द को पीढ़ियों तक नहीं भूला सकते हैं.क्योंकि विभाजन की नफ़रत और हिंसा के कारण लाखों परिवारों को विस्थापित होना पड़ा.हजारों बहनों,भाइयों,बच्चों सहित बुजुर्गों को अपनी जान गंवानी पड़ी।

विभाजन की इस अविस्मरणीय विभीषिका की वजह से पंजाबी अपने ही देश में शरणार्थी बनकर सर पर छत और दो वक्त की रोज़ी-रोटी के लिए यहां-वहां भटकते रहे.पर कठिन मेहनत,ईमानदारी, व्यवहार कुशलता पूर्वक पूरी दुनिया में नौकरी,उद्योग-व्यापार और सेवा में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।

पंजाबी परिवारजनों के कठिनतम संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को बलिदान दिवस के रुप में मनाया जायेगा.महासंघ के अध्यक्ष नरेश सेठ ने देश भर के तमाम पंजाबी संस्थाओं से शांतिपूर्वक यह दिन मनाते हुए शाम को सात बजे एक मोमबत्ती/दिया जलाकर आदरांजलि देने की अपील की है।

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