ऑल इंडिया सेन्ट्रल कांउसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (ऐक्टू) के राज्य सचिव रणविजय कुमार ने राज्य में आंदोलनरत जीविका कैडरों के आंदोलन के समर्थन में मांगे पूरा करने हेतु मुख्यमंत्री नीतीश कुमार , ग्रामीण विकास मंत्री एवं जीविका निदेशक को पत्र लिखकर 4 सूत्री मांग किया है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे पत्र में ऐक्टू नेता रणविजय कुमार ने आरोप लगाया कि सत्ता सुरक्षा के लिए भरपुर राजनीतिक इस्तेमाल नीतीश सरकार ने जीविका कर्मियों का किया और अब जब मानदेय बढ़ोतरी की बारी आई तो अपने संवैधानिक जवाबदेही से पल्ला झाड़ते हुए जीविका कैडरों को दूध में पड़ी मक्खी की तरह निकाल फेंकने का निर्णय ले लिया , आगे लिखा कि करीब डेढ़ लाख (1.5 लाख) जीविका कैडरों के मानदेय भुगतान से सरकार अपना हाँथ खींच मानदेय भुगतान का सारा बोझ पहले से मर रहे जीविका के सामुदायिक संगठनो पर लादने का आदेश जारी कर दिया। ऐक्टू नेता रणविजय द्वारा दिए गए पत्र में कहा गया कि राज्य में करीब 1 लाख 63 हजार जीविका समूह ऋण के भारी बोझ तले दबे हुए है और बैंकों ने इनका खाता एनपीए (बट्टा खाता) घोषित कर दिया है कुछ खाता प्री-एनपीए मोड़ में है। उन्होंने पत्र में सामुदायिक संगठनों पर जीविका कैडरों के मानदेय भुगतान के सरकार के आदेश को अमानवीय-अव्यवहारिक व प्रताड़ितकरने वाला बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल किया कि जो सामुदायिक संगठन खुद मर रहे है वे डेढ़ लाख कैडरों को मानदेय भुगतान कहां से करेगें? नेता रणविजय ने मुख्यमंत्री से 4 सूत्री मांग करते हुए 1.5 लाख जीविका कैडरों को बढ़ती महंगाई के अनुरूप मानदेय में वृद्धि करते हुए सरकार द्वारा पूर्ववत मानदेय भुगतान जारी रखने, जीविका कैडरों को मानदेय भुगतान 2028 तक क्रमशः समाप्त कर देने के आदेश को निरस्त करने,,जीविका समूहों को ऋण के रूप में बैंकों से दी गयी राशि को माफ करने तथा सरकार के खजाने से अनुदान स्वीकृत करने तथा आन्दोलनरत जीविका कैडर संघ की मांगो पर उनके प्रतिनिधियों से वार्ता करने की मांग की है