बिहार में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के कारण पूरी परीक्षा को ही रद्द कर दिया गया. सरकार के इस फैसले को लेकर बिहार की सियासत गर्म हो गई है. विपक्षी दल सीधे सीधे इसे सरकार की नाकामी का नतीजा बता रहे हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता आरसीपी सिंह ने पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द होने पर सरकार पर हमला बोला है.
आरसीपी सिंह ने कहा है कि किसी भी परीक्षा का पेपर लीक होने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए शर्म की बात है. नीतीश कुमार न सिर्फ बिहार के मुख्यमंत्री हैं बल्कि बिहार के गृह मंत्री भी हैं. ऐसे में पुलिस विभाग की परीक्षा का पेपर लीक होना उनके लिए काफी शर्मिंदगी की बात है. बिहार के 23 हजार से अधिक बेरोजगार बच्चों को नौकरी मिलने वाली थी. बेरोजगार बच्चे सालों भर तैयारी करते हैं और बाद में परीक्षा रद्द हो जाती है. आखिर राज्य सरकार की क्या व्यवस्था है कि परीक्षा का पेपर लीक हो जाता है?
उन्होंने कहा कि आज बिहार में पुलिस भर्ती का हेड पूर्व डीजीपी हैं. एसके सिंघल को नीतीश कुमार ने ही एक्सटेंशन दिया था. कैसे कैसे लोगों को पद दिया गया है, इसको समझने की जरुरत है. बिहार में जितनी भी परीक्षा हो रही हैं, सभी का पेपर लीक हो रहा है। इससे स्पष्ट है कि बिहार में जितनी भी नौकरियों के विज्ञापन निकल रहे हैं सब बेचे जा रहे हैं. नीतीश कुमार की औकात नहीं है कि इसके पीछे जो लोग हैं उन्हे जेल में डाल सकें. किसको किसको जेल में डालेंगे, वे खुद तो गृह मंत्री हैं. नीतीश को कुमार को एक मिनट भी मुख्यमंत्री के पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है.
वहीं बिहार में लगातार बढ़ रहे आपराधिक वारदातों को लेकर आरसीपी सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला. आरसीपी ने कहा कि 2005-10 में कितनी शांति थी और बिहार में कानून का राज था. किसी को हिम्मत नहीं थी कि वह किसी को गोली मार दे लेकिन आज तो दिनदहाड़े लोगों को गोली मारी जा रही है. ये सब इसलिए हो रहा है क्योंकि बिहार सरकार का इकबाल खत्म हो चुका है. बिहार में अपराधी नहीं बल्कि आम लोग कानून से डरते हैं.