नीत लड़ो नित जीतो
साहस मात्र सहारा है
संघर्ष करके आगे बढो
ये जीवन सिर्फ तुम्हारा है
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करके आईएएस-आईपीएस बनना हजारों युवाओं का सपना होता है. इसके लिए वे दिन रात एक करते हैं. आज आपको एक ऐसी ही आईएएस की स्ट्रगल स्टोरी बताने वाले हैं जिनके पिता मैकेनिक और 8वीं पास मां हाउस वाइफ थीं. उन्होंने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की और कामयाबी की इबारत लिखी. इस शख्सियत का नाम है आईएएस रेना जमील.
रेना जमील 2019 बैच की आईएएस अधिकारी....कैडर छत्तीसगढ़...रेना गरीबी में पलकर यूपीएससी परीक्षा पास करने वाली महिला आईएएस हैं. वह उन लोगों के लिए आइना हैं जो संसाधनों की कमी के चलते हताश और निराश हो जाते हैं. सरकारी स्कूल से पढ़कर देश की सबसे कठिन परीक्षा पास करने वाली रेना जमील के पिता मैकेनिक और मां आठवीं पास हैं. रेना बताती ने आठवीं तक की पढ़ाई उर्दू मीडियम स्कूल से की. जिस स्कूल से आठवीं तक पढ़ाई की, उसी स्कूल से रेना की मां ने भी आठवीं पास की थी.
रेना जमील इंटरमीडिएट तक औसत स्टूडेंट थीं. लेकिन ग्रेजुएशन के बाद मास्टर्स में उन्होंने कॉलेज टॉप किया. रेना ने जूलॉजी ऑनर्स से मास्टर्स किया है. इसके बाद वह फॉरेस्ट सर्विस में करियर बनाना चाहती थीं. इसकी तैयारी के दौरान ही उनके बड़े भाई ने कहा कि वह यूपीएससी परीक्षा पास करके भी इस फील्ड में अपना करियर बना सकती हैं. इसके बाद रेना के मन में आईएएस बनने का ख्वाब पलने लगा.
रेना ने साल 2014 में यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी शुरू करने के साथ परीक्षा दिया. पहले अटेम्पट में तो सेलेक्शन नहीं हुआ. लेकिन साल 2016 में दूसरे अटेम्प्ट में वह यूपीएससी क्रैक करने में कामयाब रहीं. यूपीएससी में 882 रैंक आई और इंडियन इन्फॉर्मेशन सर्विस में सेलेक्शन हुआ. उन्होंने इसे ज्वाइन कर लिया. लेकिन तैयारी में लगी रहीं.
उन्होंने साल 2017 में तीसरी बार यूपीएससी एग्जाम दिया. लेकिन प्रीलिम्स में ही बाहर हो गईं. उन्होंने अपनी इस असफलता से सीख लेते हुए अपनी कमियों को पहचाना और उस पर काम किया. साल 2018 में उन्हों कुछ दिन की छुट्टी लेकर तैयारी की और वह यूपीएससी पास करके आईएएस बनने में कामयाब रहीं. इस बार उनकी 380 रैंक थी.
साल 2019 में ट्रेनी के तौर पर उनकी पहली पोस्टिंग छत्तीसगढ़ के बस्तर में हुई. यहां उन्हें असिस्टेंट कलेक्टर पद पर नियुक्त किया गया. इसके बाद अगली पोस्टिंग में वह एसडीएम बनीं. रेना के पति रेयाज अहमद भी आईएएस अधिकारी हैं. दोनों लोग एक ही बैच के अधिकारी हैं.
रेना ने एक इंटरव्यू में बताया था कि मेरी सफलता में मां नसीम आरा की खास भूमिका रही. भले से ही वह आठवीं तक ही पढ़ी हैं लेकिन वह हमेशा कुछ करने को प्रोत्साहित करती थीं. . वो हमेशा हमसे कहती थीं कि भले ही मैं कुछ नहीं कर पाई लेकिन तुम्हें करना चाहिए. शादी से पहले तुम्हें पैरों पर खड़ा होना चाहिए. रेना के परिवार ने शिक्षा के जरिए अपना सामाजिक और आर्थिक स्तर पूरी तरह बदला. उनके बड़े भाई आईआरएस अधिकारी हैं. जबकि छोटा भाई प्रसार भारती में इंजीनियर और छोटी बहन ने बीएड कर रखा है.