बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में सीएम नीतीश कुमार ने मंगलवार को राज्य में आरक्षण का दायरा 75 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया. इसके बाद मंगलवार शाम हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई.
बता दें कि बिहार विधानसभा में आज जातीय जनगणना की रिपोर्ट पेश होने के बाद नीतीश कुमार ने एलान किया था कि बिहार में आरक्षण की सीमा बढायी जायेगी. नीतीश के एलान के कुछ घंटे बाद ही कैबिनेट की विशेष बैठक हुई और उसमें आरक्षण की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव पास कर दिया गया.
मंगलवार शाम हुई कैबिनेट की इस बैठक में प्रस्ताव पारित होने के बाद बिहार में आरक्षण का दायरा 75 फीसदी पहुंच गया है. नीतीश कैबिनेट ने बिहार आरक्षण बिल 2023 पर मुहर लगा दी है. नीतीश कैबिनेट से पास बिल की तस्वीर कुछ इस तरह होगी. ओबीसी को 18 फीसदी, EBC को 25 फीसदी, SC को 20 फीसदी, एसटी को 2 फीसदी का आरक्षण मिलेगा. इसे अब 9 नवंबर को सदन के पटल से पारित कराया जाएगा. ईडब्ल्यूएस जोड़ कर बिहार में 75 फ़ीसदी आरक्षण का दायरा किया गया है.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट का आरक्षण की सीमा के बारे में आदेश यह है कि आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं बढाया जा सकता. इससे पहले सीएम नीतीश ने आज सदन में चर्चा के दौरान कहा कि बिहार में आरक्षण की सीमा बढ़ाने का विधेयक इसी सत्र में लाया जाएगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानमंडल के दोनों सदनों में इसकी घोषणा की. इसके तहत एससी का आरक्षण बढ़ाकर 20 फीसदी और एसटी का आरक्षण दो फीसदी जबकि पिछड़ा-अति पिछड़ा का आरक्षण बढ़ाकर 43 फीसदी करने की योजना है. इसी में पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को दिया जाने वाला तीन फीसदी आरक्षण भी समायोजित होगा.
इसके अलावे कैबिनेट ने सतत जीवकोपार्जन योजना राशि में इज़ाफा पर मंजूरी दी है. बिहार के 94 लाख 42 हजार गरीब परिवारों को स्वरोजगार के लिए किश्तों में 2 लाख रूपये की मदद दी जाएगी.