Patna- लालू यादव की पार्टी आरजेडी से वैशाली लोकसभा क्षेत्र से मैदान में उतरे पूर्व बाहुबली विधायक मुन्ना शुक्ला की मुश्किलें बढ़ गई है और पुलिस किसी भी समय उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर सकती है, क्योंकि जमीन कब्ज़ा करने के एक मामले में निचली अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया है,हालांकि मुन्ना शुक्ला के पास हाईकोर्ट जाने क्या विकल्प खुला हुआ है.
मिली जानकारी के अनुसार वैशाली जिले के सदर थाना के बीबीगंज इलाके में जमीन पर जबरन कब्जा करने को लेकर दर्ज केस दर्ज है. इस केस में पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला की ओर से तीन अप्रैल को जिला जज के कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की गई थी। जिला जज के कोर्ट में सुनवाई के बाद केस को एडीजे-5 के कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया था। सुनवाई के बाद adj-5 की कोर्ट ने विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला की अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया. अब मुन्ना शुक्ला के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना है एकमात्र विकल्प रह गया है. इस बीच पुलिस कोर्ट से अरेस्ट वारंट लेकर मुन्ना शुक्ला के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है. क्योंकि मुन्ना शुक्ला आरजेडी से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं इसलिए उन्हें और उनके समर्थकों को अंदेशा है कि सरकार के सहारे पर पुलिस इस मामले में कार्रवाई को लेकर जल्दी बाजी कर सकती है.
बताते चलें कि सदर थाना क्षेत्र के गोविंदपुरी बीबीगंज निवासी अमिताभ कुमार गुप्ता ने सीजेएम कोर्ट में पिछले साल जुलाई 2023 को परिवाद पत्र दायर कराया था। कोर्ट परिवाद के आधार पर अगस्त 2023 को सदर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला, उनकी पत्नी सह लालगंज की पूर्व विधायक अन्नू शुक्ला, बरुराज थाना के हरनाही दामुचक निवासी ठाकुर राजकिशोर शर्मा, मुशहरी के तत्कालीन सीओ नागेंद्र कुमार, तत्कालीन अंचल अमीन बालेश्वर राम को आरोपित बनाया गया था।