Patna - स्मार्ट बिजली मीटर के मुद्दे पर राष्ट्रीय जनता दल(RJD ) बिहार की नीतीश सरकार से दो दो हाथ करने को तैयार है. राजद और कांग्रेस के द्वारा आंदोलन के ऐलान के बाद इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समीक्षा बैठक की थी और कहा था कि कुछ लोग राज्य की जनता को स्मार्ट मीटर के नाम पर भ्रमित कर रहे हैं इसलिए इनसे सावधान रहने की जरूरत है. नीतीश कुमार के इस बयान के बाद राजद ने पलटवार किया है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस करके सीएम नीतीश कुमार की सरकार और उनके अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं और इसके साथ ही कई सवाल भी पूछे हैं.. पूछे हैं.
बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने मीडिया के माध्यम से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा है कि जब बिहार की जनता का सवाल विपक्ष नहीं उठाएगा तो सच और सच्चाई से लोग अवगत कैसे होंगे। जो प्रश्न स्मार्ट मीटर के संबंध में हमने उठाया था उसका एक भी जवाब राज्य सरकार के स्तर से नहीं दिया गया है जबकि राष्ट्रीय जनता दल ने आम जनों के द्वारा जिस तरह से इस मामले पर प्रश्न खड़े किए जा रहे थे उसको हमने जिम्मेदार विपक्ष की हैसियत से सरकार से पूछा है कि वो बताएं कि पहले के मीटर और अब के स्मार्ट मीटर के संबंध में जो बातें सामने आई है और आमलोगों की आवाज को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने स्मार्ट चीटर कहा है उस पर थर्ड पार्टी के समक्ष जांच करवाने की बात सरकार ने क्यों नहीं की। आम जनता को बिना विश्वास में लिए जबऱिया स्मार्ट मीटर क्यों लगाया जा रहा है? इसके लिए बिहार स्टेट पावर (होल्डिंग) कंपनी लिमिटेड के लेटर पैड पर पंकज कुमार पाल, अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक ने सभी जिलाधिकारियों को बल प्रयोग के साथ मीटर लगाने की बात अपने पत्रांक संख्या 19/सीएमडी, दिनांक 15.09.2024 को क्यों लिखा? क्या यह मुख्यमंत्री की सहमति से पत्र लिखा गया था। साथ ही मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए कि क्या उनकी सहमति से ही बल प्रयोग की बात पत्र में लिखी गई है। सीएमडी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगवाने में प्रशासन के स्तर से कार्रवाई की जाए और जबरदस्ती बलप्रयोग से स्मार्ट मीटर लगाने की बात के साथ यह भी कहा कि यह मुख्यमंत्री के महत्वाकांक्षी योजना का अंग है।
जगदानन्द सिंह ने राज्य सरकार से पूछा है कि 5 रूपये प्रति युनिट के हिसाब से बिजली खरीद कर 5.85 रूपये से 8 रूपये प्रति युनिट के हिसाब से क्या बिक्री नहीं की जा रही है। फिक्सड चार्ज और विद्युत शुल्क ये दोनों चार्ज क्यों लिए जा रहे है राज्य सरकार बताएं। बिहार में बिजली का उत्पादन शुन्य है क्या यह आम लोगों को बताया गया है। जो बिजली बिल आ रहा है उसमें गड़बडि़यां है, उस पर सवाल खड़ा किया गया है लेकिन उस पर जवाब अब तक नहीं आया है। बिहार में बिजली बिल के नाम पर लूट मचा हुआ है और इस मामले में षडयंत्र करने के पीछे जो थे उसका नाम नीतीश कुमार है। जब सरकार के उर्जा मंत्री के जवाब से काम नहीं चला तो मुख्यमंत्री को स्वयं आना पड़ा लेकिन वो भी आमजनों को संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं। यह सवाल न आपका है न हमारा है, यह जनता का सवाल है लेकिन उसपर सरकार मौन है।
इन्होंने आगे कहा कि खेती के लिए किसानों को केवल आठ घंटे ही बिजली क्यों दी जा रही है? भयंकर सुखाड़ के वक्त भी सरकार के स्तर से किसानों को खेती के लिए बिजली नहीं दी गई और किसानों के सोलह घंटे कटौती के बिजली को अन्य राज्यों को सस्ते दर पर बिजली बेची जा रही है। सच तो यह है कि 2023-2024 वर्ष में 22 सौ करोड़ की बिजली चार रूपये में 5280 मिलियन युनिट अन्य राज्यों को बेच दी गई। बिहार की खेती को बर्बाद करने के लिए डबल इंजन की सरकार दोषी है।
जगदानंद सिंह ने आगे कहा कि राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद जी के केन्द्रीय मंत्री रहते हुए यूपएी-1 की सरकार ने 4 अप्रैल, 2005 को राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना शुरू की तभी से बिहार के गांवों में बिजली लगाने का कार्य शुरू हुआ और बिहार को बिजली से रौशन करने में राष्ट्रीय जनता दल और लालू प्रसाद जी की जो भूमिका रही है उसे बताने में भाजपा-जदयू और एनडीए के अन्य नेता संकोच क्यों कर रहे हैं। जनता सच्चाई जानती है कि वर्ष 1998 से 2004 तक नीतीश भाजपा की केन्द्रीय सरकार ने मंत्री रहते बिहार को बिजली के मद में एक भी पैसे का योगदान नहीं करा पाये। स्व0 अटल जी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के रहते हुए वर्ष 2003 में नया विद्युत एक्ट बना उसमें युनिवर्सल विद्युत दर के बदले उत्पादन केन्द्रो द्वारा तय बिजली की दर लागू कराने में अपनी भूमिका के बारे में बतायेंगे, उसी समय से बिहार को अधिक कीमत पर बिजली खरीदना पड़ रहा है। संध्या काल में तो दस रूपये तक की युनिट चुकानी पड़ रही है। बिहार में नीतीश सरकार ने जो कार्य किया वही बिजली की बढ़ी दरो के लिए जिम्मेदार हैं क्योंकि उस समय केन्द्र की सरकार में नीतीश जी मंत्री थे। इतिहास का ज्ञान रखकर ही सत्तारूढ़ दल के नेता आमलोगों को सच्चाई बताएं?
जगदानंद सिंह ने कहा जांच एजेंसी ED ने पूर्व सीएमडी के संबंध में कहा कि स्मार्ट मीटर लगाने वाली कम्पनियों से करोड़ों का घुस लिया गया और जो करोड़ों का घुस देगा वो अरबों कमाने के लिए लुट तो करेगा हीं। नीतीश जी इन कम्पनियों का हिस्सा किन-किन तक पहुंचा है ये आपकी पार्टी के नेता क्यों नहीं बता रहे हैं। इन्होंने कहा कि विरोधी अफवाह नहीं फैला रहे हैं बल्कि इस तरह के लूट और अत्याचार के खिलाफ जनता उठ खड़ी हुई है और आमजन आपके खिलाफ खड़ी है, ये आपको नहीं दिख रहा है। जनता के सवालों के साथ राष्ट्रीय जनता दल हमेशा खड़ी रही है और खड़ी रहेगी।
इस अवसर पर प्रदेश राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने जिस निर्लज्जता की हदें पार करके नेता प्रतिपक्ष के संबंध में जिन शब्दों का प्रयोग किया है यह संसदीय परंपरा मानक और मर्यादा विहिन शब्द है और इस पर राष्ट्रीय जनता दल को घोर आपति है क्योंकि इस तरह की आपतिजनक भाषा संवैधानिक पद पर बैठे हुए नेता के संबंध में किया जाना कहीं से उचित नहीं है।