बिहार में अपराधियों का तांडव पिछले दो-तीन दिनों में 87 हत्याएं मर्डर रेप की घटना हुई है। शासन मानसिक अब चेतना के शिकार है। रिटायर्ड अधिकारी शासन चला रहे हैं पुलिस हेडक्वार्टर की नहीं सुनी जाती है तीन लोग आरा,बांका में गोली के शिकार हुए और इसी तरह के विभिन्न जिला में इस तरह की घटना हुई है। बिहार का हर कोना अपराधियों के तांडव से कहां पर गया। अब तो पलायन शुरू हो रहा है यहां व्यवसायई और आम आदमी सुरक्षित नही । वही फॉरवर्ड मंत्रियों को सुरक्षा दिया जा है लेकिन पिछड़े और दलित समुदाय मंत्री के लोगो को सुरक्षा क्यों नही। डिलीवरी बांट रहे हैं पिछला और दलित समुदाय के लोग नहीं दिख रहा है विपक्ष अभिनेता नहीं दिख रहे हैं रेवाड़ी बांट रहे हैं। मुझे तो पता चल रहा है ना कि सत्ता ने स्वीकार कर लिया है कि बिहार में अपराध हो रहा है।