शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के हर दिन नए-नए आदेशों से परेशान बिहार के शिक्षक अब आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं. अफसरशाही के खिलाफ बिहार के शिक्षक संघ बड़ा आंदोलन करने जा रहे हैं. इसको लेकर आगामी 3 सितंबर को राज्यभर के शिक्षक संघों की बैठक बुलाई गई है. बोरा और कबाड़ बेचने के साथ साथ छुट्टी कटौती के बाद शिक्षक संघों का आक्रोश भड़क गया है और वे सरकार से दो-दो हाथ करने को तैयार हैं.
दरअसल, शिक्षा विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाए जाने के बाद से ही केके पाठक लगातार एक्शन में हैं. बिहार में ध्वस्त हो चुकी शिक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए केके पाठक हर लगातार कड़े फैसले ले रहे हैं और राज्य के शिक्षकों पर नकेल कस दिया है। केके पाठक का नाम सुनते ही शिक्षक खौफजदा हो जाते हैं. केके पाठक के आदेश के कारण बिहार के शिक्षक बोरा और कबाड़ बेचने तक को बाध्य हो गए हैं. बोरा और कबाड़ बेचने के आदेश तक तो सब ठीक था लेकिन जैसे ही शिक्षकों की छुट्टी में कटौती की गई उनका आक्रोश भड़क गया.
अब बिहार के सरकारी स्कूलों के शिक्षक सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने का मूड बना रहे हैं. हर दिन के आदेशों से परेशान हो चुके शिक्षक संघों ने आंदोलन को लेकर बड़ी बैठक बुलाई है. प्राइमरी से लेकर उच्च माध्यमिक शिक्षक संगठनों की बैठक बुलाई गई है. 3 सितंबर को सुबह 11:30 बजे पटना के यूथ हॉस्टल में होने वाली इस बैठक के बाद शिक्षक संघ अफसरशाही के खिलाफ बड़े आंदोलन का एलान करेंगे और राज्यभर के स्कूलों में तालाबंदी की घोषणा तक कर सकते हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि अगर शिक्षकों ने आंदोलन का रास्ता अपनाया तो सीएम नीतीश और सरकार की फजीहत होनी तय है.