Join Us On WhatsApp
BISTRO57

KK पाठक के अभियान को और सख्त करने में जुटे S. सिद्धार्थ, लापरवाही बर्दाश्त नहीं..

S. Siddhartha is busy in making KK Pathak's campaign more st

PATNA- बिहार के शिक्षा विभाग से केके पाठक का तबदला राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग हुआ  तो बिहार के सरकारी स्कूल के शिक्षकों ने राहत की सांस लेनी शुरू की, क्योंकि अपर मुख्य सचिव का प्रभार लेने वाले डॉ एस सिद्धार्थ ने के के पाठक के कई फैसले को पलट दिया.भीषण गर्मी की छुट्टी होने पर छात्रों के साथ ही शिक्षकों को भी राहत दी, पर अब एस.सिद्धार्थ भी स्कूल की व्यवस्था को दुरुस्त करने और लापरवाह शिक्षकों का एवं कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर नया एक्शन शुरू कर दिया है. 

 शिक्षकों की उपस्थिति बनाने के लिए मोबाइल पूरी तरह से लागू किया जा रहा है जिसमें आने के समय और जाने के समय उन्हें सेल्फी लेकर भेजना होगा. इसके साथ ही स्कूल इंस्पेक्शन की सीधी जवाबदेही अब जिलाधिकारियों को दे दी गई है. शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार, अब DM गैर शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों से विद्यालयों का निरीक्षण करवाएंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि डीईओ, डीपीओ और बीईओ की शक्ति कम हो गई है, और इन अधिकारियों कार्यों का भी निरीक्षण होगा और इसमें लापरवाही पाए जाने पर इन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी.


शिक्षा विभाग के नये आदेश के अनुसार, जिलों में DM अन्य विभागों के पदाधिकारियों और पर्यवेक्षकों से विद्यालयों का निरीक्षण करवाएंगे. स्कूलों के इंस्पेक्शन के लिए अब DM ही टीम तैयार करेंगे और सभी जिलों में इसको लेकर नोडल पदाधिकारी की तैनाती होगी. एसीएस एस सिद्धार्थ के आदेश से शिक्षा विभाग ने सभी जिलापदाधिकारियों से नोडल पदाधिकारी के लिए एक अपर समाहर्ता का नाम मंगवाया है.


इसी आदेश में बताया गया है कि शिक्षा विभाग के टोल फ्री नंबर पर आई शिकायत पर तुरंत एक्शन होगा और शिक्षा विभाग संबंधित जिले के नोडल अधिकारी को तत्काल शिकायत भेजेगा. शिकायत मिलने पर गैर शिक्षा विभाग के अधिकारी से ही जांच कराने का आदेश दिया गया है. जांच के बाद ई शिक्षा कोष के माध्यम से सीधा एसीएस एस सिद्धार्थ को रिपोर्ट भेजनी होगी.


ACS एस सिद्धार्थ ने भी माना है कि अब तक शिकायतों पर बड़ा एक्शन नहीं हुआ है. बीते समय में इंस्पेक्शन और मॉनिटरिंग में कई जगहों पर त्रुटि थी. बता दें कि शिक्षकों पर नकेल कसने के लिए एसीएस एस सिद्धार्थ का यह पहला और बड़ा प्रयोग है. साफ है कि केके पाठक के तबादले के बाद भी शिक्षकों की अनियमितता पर कार्रवाई करने में शिक्षा विभाग अब और एक्टिव रहेगा.

bistro 57

Scan and join

darsh news whats app qr
Join Us On WhatsApp