इस पूरे ब्राह्मांड में किसी की हैसियत नहीं है, जो भगवान राम को ला सकें. अजीब स्थिति है देश में. खुद को भगवान राम को लाने का ठेका लेकर लोग घूम रहे हैं. राम मंदिर आंदोलन में सभी का योगदान रहा है, जिसमें आदिवासी, दलित, पिछड़े सभी का. आखिर क्यों राम मंदिर आंदोलन के अग्रणी नेता उमा भारती, विनय कटियार, आडवाणी और तो और हमारी आदिवासी महिला राष्ट्रपति को दूर रखा गया. हम भला उनके बुलाने पर मंदिर कार्यक्रम में क्यों जाते, क्या उनके साथ फोटो खिंचवाने जाते . इन लोगों का काम है राम-राम जपना और पराया माल अपना. चंदा दो और धंधा दो का काम इन लोगों ने 10 वर्ष में किया. हमें हिंदू और राम भक्त होने के लिए क्या किसी की सर्टिफिकेट की जरूरत है. राम मंदिर बना है, हम कभी भी जा सकते हैं. हमारे नेता विधायक भी गए. राम मंदिर किसी की मलिकियत नहीं है. उक्त बातें भारती ने मंगलवार को कांग्रेस भवन में आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन के दौरान कही।
साधना भारती ने कहा कि उन्होंने कहा कि चुनाव आते ही भाजपा में धर्म को धंधा बनाने के सब प्रबंध हो जाते हैं. सत्ता की खुरचन चाटने के लिए भाजपा में कई नेवलों के भी सांपों से संबंध हो जाते हैं. भाजपा रामवादी नहीं रावणवादी है.कृष्णवादी नहीं कंसवादी है. भाजपा के ठगबंधन में शामिल संजय निषाद ने कहा था कि भगवान राम दशरथ के पुत्र नहीं हैं, संजय-निषाद ने तो ही माता कौशल्या के असतित्व पर संदेह जताया, फिर भी भाजपा ने संजय निषाद को योगी मंत्रीमंडल का सदस्य बनाया. आज तक संजय निषाद को मंत्री पद से नहीं हटाया. भाजपा के नेता नरेश अग्रवाल ने राज्यसभा में भगवान राम की तुलना रम से और माता सीता की तुलना शराब से की. फिर भी भाजपा ने नरेश अग्रवाल को राज्यसभा पहुंचाया. उनके पुत्र को योगी मंत्री मंडल में शामिल कराया गया. भाजपा न रामवादी है, न कृष्णवादी है, न धर्मवादी है. भाजपा केवल नोट वादी है. भाजपा का केवल एक ही काम है चंदा दो और धंधा लो,राम-राम जपना पराया माल अपना.इसलिए भाजपा वालों अब भागो नहीं तो जनता पीटेगी।