पटना में आज संवाददाता सम्मेलन के जरिए माले नेताओं ने बताया कि कल 18 जून को मुजफ्फरपुर के बखरी चौक स्थित जिस घर में वह कथित चिट फंड कंपनी चलती थी, वहां का दौरा किया. आसपास के लोगों से बात की. साथ ही मुजफ्फरपुर के सिटी एसपी से मुलाकात कर पूरे मामले की जानकारी ली. नेताओं ने कहा है कि रोजगार के नाम पर बड़ी संख्या में लड़कियों को झांसा देकर नेटवर्किंग कंपनी से जोड़ने और उनके साथ मारपीट तथा यौन हिंसा किए जाने का मामला सामने आया है. स्थानीय थाना की भूमिका बेहद शर्मनाक रही जब एक उत्पीड़ित महिला का केस दर्ज करने से उसने मना कर दिया था. बहरहाल अब मामला सामने आ चुका है! नेताओं ने आगे कहा कि नीतीश कुमार महिला सशक्तीकरण व उनकी सुरक्षा का दंभ भरते रहते हैं, लेकिन महिलाओं के खिलाफ संगठित यौन हिंसा भाजपा-जदयू सरकार की चारित्रिक विशिष्टिता बन गई है।सभी उत्पीड़ित महिलाओं को तत्काल सुरक्षा प्रदान करने,मामले की न्यायिक जांच कराने,पीड़िता को उनके पुनर्वास की गारंटी करते हुए सभी दोषियों के खि़लाफ़ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। यदि पीड़िताओं को न्याय नहीं मिलता तो माले, आइसा व ऐपवा राज्यव्यापी आंदोलन करेगी। भाकपा-माले की एक टीम ने नवनिर्वाचित एमएलसी कॉ. शशि यादव, पालीगंज से माले विधायक का. संदीप सौरभ, माले के मुजफ्फरपुर जिला सचिव कृष्ण मोहन, खेग्रामस के राज्य सचिव शत्रुघ्न सहनी, इंसाफ मंच के नेता कॉ सूरज सिंह समेत कई नेता व कार्यकर्ता शामिल थे.