New Delhi : देश के नए मुख्य न्यायाधीश के नाम पर मुहर लग गई है। न्यायमूर्ति संजय खन्ना 51वें मुख्य न्यायाधीश बनेंगे। मौजूदा मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने उन्हें नामित किया है। दरअसल, 10 नवंबर को चंद्रचूड़ रिटायर हो जाएंगे। इसके अगले दिन यानी 11 नवंबर को संजीव खन्ना इस पद को संभाल सकते हैं। खास बात है कि उनका कार्यकाल 6 महीने का होगा, क्योंकि 13 मई 2025 को न्यायमूर्ति खन्ना भी सेवानिवृत्त हो जाएंगे। बता दें, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना भारतीय न्यायपालिका में बहुत सम्मानित और प्रतिष्ठित नाम हैं। उनके परिवार में कई लोग न्यायिक क्षेत्र से जुड़े रहे हैं। उनके रिश्तेदार न्यायमूर्ति हंसराज खन्ना का नाम इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा है। उन्होंने इमरजेंसी के दौरान सरकार के खिलाफ स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
न्यायमूर्ति संजीव का प्रोफाइल
सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति खन्ना का सफर जनवरी 2019 से शुरू हुआ था। तब उन्हें शीर्ष अदालत में नियुक्त किया गया। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट में 14 साल सेवा दी थी। वहां उन्होंने कई महत्वपूर्ण और जटिल मामलों में निर्णय दिए। उनकी विशेषज्ञता कराधान (Taxation) और व्यापारिक कानूनों (business laws) में रही है।
संजीव के प्रमुख फैसले
न्यायमूर्ति संजीव का नाम हाल के कुछ चर्चित फैसलों से जुड़ा है। कुछ महीनों पहले उनकी पीठ ने आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को नियमित जमानत और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी। उन्होंने इसी साल एक याचिका खारिज की, जिसमें ईवीएम और वीवीपैट के 100% मिलान की मांग थी। उन्होंने भारतीय चुनाव आयोग पर भरोसा बनाए रखने पर जोर दिया। इसके अलावा उनकी पीठ ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर सरकार की तेजी की आलोचना की, चुनावी बॉन्ड योजना की संवैधानिक वैधता को समाप्त किया है। अनुच्छेद 370 के उन्मूलन को बरकरार रखा।
सिद्धांत बनाते हैं प्रभावशाली
मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल भले छोटा हो, लेकिन उनका एक्सपीरिएंस और ज्यूडिशियल अप्रोच भारतीय न्यायपालिका में गहरे और स्थायी प्रभाव डाल सकता है। उनका न्यायिक कॅरियर उनके महत्वपूर्ण फैसले और उनके सिद्धांत उन्हें मजबूत और प्रभावशाली मुख्य न्यायाधीश बनाते हैं।