संथाल की स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि बांग्लादेशी मुसलमानों के करण वहां के आदिवासी समुदाय के लोग उनके खिलाफ न तो कुछ बोल पा रहे हैं और न ही उनके खिलाफ थाना में एसटी केस दर्ज करा पा रहे हैं। मैं आपके समक्ष कुछ उदाहरण प्रस्तुत कर राजी हूं, जिससे स्पष्ट हो जाएगा कि बांग्लादेशी मुसलमान कैसे संथाल परगना की भोली-भाली आदिवासी युवतियों से शादी कर डेमोग्राफी को चेंज कर रहे हैं।
● साहेबगंज के बरहेट प्रखंड स्थित कदमा पंचायत के संथाली उत्तर की मुखिया सोनाली हांसदा है, और उनके पति का नाम मोहम्मद आजाद है।
●कदमा पंचायत की मुखिया एंजेलना हांसदा हैं और उनके पति का नाम जैनुल शेख है।
● गोपालडीह पंचायत की मुखिया सुनीता टुडू हैं और उनके पति का नाम समनु शेख है।
● उदवा प्रखंड स्थित दक्षिण बेगमगंज पंचायत की मुखिया ललिता टुडू हैं और उनके पति का नाम उस्मान शेख है।
● राजमहल प्रखंड स्थित
लखीपुर पंचायत की मुखिया सुहागिनी सोरेन हैं और उनके पति का नाम सनाउल शेख है।
● बरहरवा प्रखंड स्थित सालगाड़ी पंचायत की मुखिया मार्था मालतो हैं और उनके पति का नाम मोहम्मद रहमान विश्वास है।
● मधुवापाड़ा पंचायत की मुखिया मरंगबिरि हांसदा हैं और उनके पति का नाम समीरुल इस्लाम है।
● म्यूरकोला पंचायत की मुखिया सोना किस्कू हैं और उनके पति का नाम वकील अंसारी है।
● बरहेट प्रखंड स्थित फुलभंग की पंचायत सदस्य सुनीता हांसदा हैं और उनके पति भी मुसलमान हैं।
● साहेबगंज की जिला अध्यक्ष मोनिका किस्कू हैं और उनके पति का नाम एजाज शेख है, जिनकी मृत्यु हो चुकी है।
● मैं आपको बताना चाहूंगी कि बांग्लादेशी मुसलमानों के कारण संथाल परगना में 25 से 30 प्रतिशत डेमोग्राफी चेंज हो चुका �