बिहार सरकार के प्रावैधिकी एवं आपदा नियंत्रण मंत्री डाक्टर संतोष कुमार सुमन ने कहा कि पूर्व मंत्री श्याम रजक का राजद के राष्ट्रीय महासचिव पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा लालू प्रसाद की दलित विरोधी मानसिकता का सबूत है।डाक्टर सुमन ने कहा कि रजक ने पार्टी छोड़ने के बाद जो टिप्पणी की , उससे साफ है कि वे जहाँ थे, वहाँ अपमान और घुटन झेल रहे थे। उन्हें कभी मुखौटा तो कभी शतरंज के मोहरे की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि एससी-एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के विरोध में सड़क पर उत्पात करने वालों का समर्थन कर राजद दलित-प्रेम का जो नाटक कर रहा था, उसका असली चेहरा श्याम रजक ने जनता के सामने उजागर कर दिया। हालाँकि यह केवल शुरुआत है आगे आगे देखिए होता है क्या.. तमाम दलित नेता जिन्हे लालू परिवार के द्वारा राजद में ठगा जा रहा है एक एक कर सब राजद को छोड़ेंगे.. राजद का असली चेहरा यही है.. केवल दलितों को वोट बैंक के लिए इस्तेमाल करो और बेवकूफ बनाओ.. लेकिन अब दलित भी जागरूक हो चुके हैं और उन्हें भी अपनी ताकत का एहसास हो गया है.. ऐसे नकली शुभचिंतकों को गुडबाय कहने का समय आ गया है।डाक्टर सुमन ने कहा कि लालू प्रसाद यदि दलित हितैषी होते, तो उनके 15 साल के राज में दलित उत्पीरण और नरसंहार की घटनाएँ नहीं होतीं।
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