बिहार में निर्माण में भ्रष्टाचार पर सब रहते हैं चुप और ठेकेदार लीपापोती कर भाग जाते हैं.......नेशनल हाइवे, पुल-पुलिया की मरम्मत के समय अधिकारियों की आंखों के सामने भी जम कर भ्रष्टाचार होता है लेकिन तब के समय में सभी रहनुमा भी चुप ही रहते हैं. जिसका लाभ उठाते हुए ठेकेदार किसी तरह लीपापोती कर भाग जाते हैं और सड़क-पुल दो माह के अंदर ही पहले की शक्ल में आ जाती है.
दरअसल, छपरा एनएच 19 बाईपास रोड का रेलवे ओवर उद्घाटन से पहले ही ब्रिज टूट गया है.......बड़ी हादसा होते होते रह गया.....मामला लगभग 12 साल से बन रहे हाजीपुर से गाजीपुर एनएच 19 फोरलेन का है जो आज तक पूरा नहीं हो सका.......कितनी बार कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड का टेंडर नए सिरे से किया गया. उसके बाद भी उद्घाटन के पूर्व ही सड़क का रिपेयरिंग भी किया गया. जो महज अभी दो माह ही हुए होंगे उसके बावजूद भी आज रेलवे ओवर ब्रिज टूट गया. जिससे खराब गुणवक्ता का पता चल रहा है. और आज बड़ा हादसा होने से बच गया. लेकिन सबसे बड़ा सवाल....इसका दोषी कौन?
लगातार बिहार में पुल निर्माण होने के पूर्व ही पुल ध्वस्त हो जा रहा है और सरकार केवल केंद्र और राज्य सरकार के उपर आरोप लगाते हुए दोषियों को नजर अंदाज कर देते हैं. और उसी कंपनी को दोबारा कार्य प्रदान कर दिया जा रहा है और जनता मूक दर्शक बन चुप देख रही है. सरकार पुल का निर्माण नहीं बल्कि जनता के लिए यमराज तक पहुंचने के लिए सीढ़ी का निर्माण करा रही है. लाचार जनता बौनी बनी हुई है.
रिपोर्ट- प्रभास रंजन, सारण