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धार्मिक नगरी गया में मोहर्रम के दौरान दिखी सांप्रदायिक एकता की मिसाल..

See the example of communalism during Muharram in the religi

Gaya -गया शहर के ताज़ कॉलोनी के समीप मुहर्रम के अवसर पर राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के बैनर तले पानी, बिस्किट एवं मिठाईयों का काउंटर के माध्यम से प्रसाद के रूप में वितरण किया गया।


यह वितरण राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मनीष पंकज मिश्रा के नेतृत्व में किया गया। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष डॉ मनीष पंकज ने कहा कि मोहर्रम का आयोजन समाज में शांति, न्याय और मानवता के सिद्धांतों को मजबूत करता है। यह लोगों को यह संदेश देता है कि सत्य और न्याय के मार्ग पर चलने के लिए कितनी भी कठिनाइयों का सामना क्यों न करना पड़े। हमें अपने सिद्धांतों पर कायम रहना चाहिए।


मोहर्रम के अवसर पर आयोजित किए जाने वाले जुलूस और मजलिसें समाज में एकता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देती हैं। मोहर्रम केवल शिया मुस्लिमों के लिए ही नहीं, बल्कि सुन्नी मुस्लिमों और अन्य धर्मों के लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह एक ऐसा अवसर है जब विभिन्न धर्मों और संप्रदायों के लोग एकजुट होकर कर्बला की घटना को याद करते हैं और इमाम हुसैन की शहादत को सलाम करते हैं।


मोहर्रम के अवसर पर हमें अपने समाज में प्रेम, सौहार्द और सहयोग की भावना को और अधिक गहरा बनाने का प्रयास करना चाहिए। यह त्योहार हमें सिखाता है कि किसी भी धार्मिक या सांप्रदायिक भेदभाव से ऊपर उठकर हमें मानवता और न्याय के लिए कार्य करना चाहिए।

 गया से मनीष की रिपोर्ट 

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