भारतीय तीरंदाज शीतल देवी और राकेश कुमार की जोड़ी ने नया मिसाल ही पेश कर दिया है. सोमवार को पेरिस पैरालंपिक की मिश्रित टीम कंपाउंड ओपन तीरंदाजी स्पर्धा के सेमीफाइनल में हारने की निराशा से उबरते हुए इटली के मातेओ बोनासिना और एलेओनोरा सारती को 156.155 से हराकर कांस्य पदक जीत लिया. भारत के लिए पैरालम्पिक में तीरंदाजी का पदक इससे पहले सिर्फ हरविंदर सिंह ने तीन साल पहले टोक्यो पैरालंपिक में (कांस्य) जीता था.
भारत को जीत तब मिली जब 17 वर्ष की शीतल का शॉट रिविजन के बाद अपग्रेड कर दिया गया. चार तीर बाकी रहते भारतीय जोड़ी एक अंक से पिछड़ रही थी लेकिन आखिर में संयम के साथ खेलते हुए जीत दर्ज की. शीतल ने एक नायाब कारनामा अंजाम दिया है. वह भारत की सबसे कम उम्र की पैरालंपिक पदक विजेता बन गई हैं. इससे पहले सेमीफाइनल में भारतीय जोड़ी शूटआफ में ईरान की फातिमा हेमाती और हादी नोरी से हार गई थी. भारतीय जोड़ी फाइनल में जगह बनाने के करीब पहुंच गई थी लेकिन ईरानी टीम की शानदार वापसी और एक जज द्वारा स्कोर के रिविजन के बाद उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा.
स्कोर 152.152 से बराबर होने के बाद मुकाबला शूटआफ में गया. ऐसा लग रहा था कि भारतीय जोड़ी ने जीत दर्ज कर ली है, जब ईरानी टीम ने चौथे तीर पर नौ स्कोर किया. हालांकि, जज ने समीक्षा के बाद उसे 10 करार दिया. इससे मुकाबला शूटआफ तक गया. शूटआफ में दोनों टीमों ने परफेक्ट स्कोर किया लेकिन फातिमा का तीर बीचों बीच लगा जिससे ईरानी टीम ने फाइनल में जगह बनाई. इससे पहले शीतल और राकेश ने क्वार्टर फाइनल में तियोडोरा ऑडी आयुदिया फेरेलिन और केन स्वेगुमिगु लांग की इंडोनेशिया की जोड़ी को आसानी से 154-143 से हराया. मिश्रित कंपाउंड ओपन वर्ग में शीतल और राकेश की शीर्ष वरीय जोड़ी ने सेमीफाइनल तक के सफर के दौरान शानदार फॉर्म दिखाई.