Muzaffarpur - SI का वर्दी पहनकर दरोगागिरी करने वाले युवक को मुजफ्फरपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
जिले के सर्फुद्दीनपुर गुदरी बाजार जाने वाली मुख्य सड़क पर जलेबिया मोड़ के समीप एसआई की वर्दी पहन रौब दिखा वाहनों को चेक कर रहे फर्जी दारोगा को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
आरोपी की पहचान रोशी गांव के श्रवण कुमार के रूप में हुई है। बैरगनिया में फेन केयर फाइनेंस कंपनी का स्टाफ है । हजामती का काम छोड़ कर चार साल से अलग अलग फाइनेंस बैंक के लोन स्टाफ के रूप में काम रहा था।पूरी पढ़ाई स्नातक तक की है । शौक पुलिस मे जाने का था, पर हाइट कम होने की वजह से पुलिस भर्ती परीक्षा की तैयारी नही किया ।9 साल पहले उसकी शादी हुई थी । दो बच्चा भी है । पिता टुनटुन ठाकुर अरुणाचल प्रदेश के एक सैलून में हजामती का काम करता है।उसकी पत्नी रीमा देवी भी स्नातक तक की पढाई की हुई है ।
डीएसपी ईस्ट सहरीयार अख्तर ने बताया की रात को करीब 10 बजे सूचना प्राप्त हुई कि कोई व्यक्ति सर्फुद्दीनपुर चौक पर वाहन चेकिंग के नाम पर वसूली कर रहा है। थाने को सूचना प्राप्त तो उस समय थाने की गस्ती टीम नही थीं । सूचना के सत्यापन के लिए पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो श्रवण कुमार पुलिस की वर्दी में डबल स्टार जो सब इंस्पेक्टर के वेश में वसूली कर रह था।उसे पकड़ जेल भेज दिया गया है।वह पहली बार इस तरह का किया है। यहां पर रहता नही था।कुछ ही दिनों से यहां पर रह रहा था। पुछताछ में बताया की वर्दी सीतामढ़ी के किसी ट्रेलर से सिलवा कर लाया था।
वही घटना को लेकर आरोपी श्रावण कुमार की मां ललिता देवी ने कहा कि घर आया था।घर पर वर्दी पहना तो हमलोग ने पूछा की वर्दी कहा से लाया है. इसे मत पहनो।तो उसने कहा कि मां इसे पहनकर अपनी बहन से रखी बंधवाकर खोल देंगे।उसका शौख था ककि वर्दी पहनकर अपनी बहन से रखी बंधाए। बीए की पढ़ाई की थी लेकिन हाइट कम था तो पुलिस की तैयारी नही किया था।
पत्नी रीमा कुमारी ने बताया की मेरे पति महिला समूह में बैरगनिया ब्रांच में काम करते है।घर दोपहर में आए।वर्दी उधर से ही लेकर आए हुए थे।शाम में पांच बजे वह वर्दी पहनकर बच्चा सब के साथ फोटो खींचे।हम बोले अप यह ड्रेस फालतू मे क्यो पहने है ।यह ड्रेस सभी लोगो के लिए नहीं होता है।वह बोले नहीं पहन लिए है. बहन आयेगी रखी बांधेगी तो उसके बाद खोल देंगें।बच्चा लोगो खाने के लिए जिद क्या चाउमीन ला दिजिए।इसी वजह से वह चौक पर चले गए।मार्केट में। गए तो कुछ लोगो द्वारा पुलिस को सूचना दिया की फर्जी पुलिस बनकर वसूली कर रहा था।काम से घर 15 से 20 दिनों पर घर आते एक दो दिन के लिए।इसे पहले कभी भी वर्दी नही पहने हुए थे। परिवार मे 10 लोगो की जिम्मेदारी इन्हीं के कंधो पर है.
मुजफ्फरपुर से मुकेश ठाकुर की रिपोर्ट