सिक्किम में अचानक आई तबाही के बाद से स्थिति बेकाबू बनी हुई है. अचानक से आई बाढ़ में अब तक 41 लोगों की मौत हो चुकी है. लगभग 1200 घर बह गए. जबकि 15 सेना के जवानों समेत 103 लोगों की तलाश की जा रही है. अधिकारियों ने कहा कि बचाव दल आपदा के तीसरे दिन मलबे और कीचड़ में फंसे लोगों को बचाने का काम कर रहे हैं. इस प्राकृतिक आपदा में लगभग 25 हजार लोग प्रभावित हुए हैं. वहीं, इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में मुख्यमंत्री पीएस तमांग के हवाले से बताया है कि सिक्किम में अब तक 19 शव बरामद किए गए हैं. इसके अलावा अधिकारियों ने बताया कि 22 शव उत्तरी बंगाल के निचले जिलों में पाए गए. उन्होंने ये भी बताया कि 26 लोग अस्पताल में भर्ती हैं और लगभग 1500 लोग राहत शिविरों में हैं.
सेना के जवानों की खोजबीन जारी
सिक्किम में आई बाढ़ की चपेट में भारतीय सेना के जवान भी आए हैं. तीस्ता बैराज के निचले हिस्से में लापता सेना के 15 जवानों की तलाश की जा रही है. उनके सात साथियों के शव हाल ही में बरामद हुए थे. सिंगताम के पास बुरदांग में घटनास्थल पर सेना के वाहनों और दुकानों को खोदकर निकाला जा रहा है. सर्च ऑपरेशन में सहायता के लिए सेना से संबंधित एक संगठन तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू (टीएमआर) की अतिरिक्त टीमें, खोजी कुत्तों और विशेष राडार को सेवा में लगाया गया है. पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में तीस्ता में तैरते मोर्टार को छूने से दो लोगों की मौत हो गई और छह घायल हो गए. इसके बाद पुलिस, सेना और प्रशासन ने बयान जारी करके लोगों से किसी विस्फोटक या फिर सेना के हार्डवेयर के पास जाने और हाथ लगाने से मना किया है. साथ ही इस तरह की कोई सामग्री दिखाई देती है तो इसके बारे में नजदीकी पुलिस स्टेशन में सूचित करने के लिए भी कहा है.
केंद्र सरकार से मिली बड़ी राहत
इन सब के अलावा केंद्र सरकार ने सिक्किम को राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) से 44.80 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि को जारी करने की मंजूरी दे दी है. साथ ही राज्य में हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए एक केंद्रीय टीम का गठन भी किया गया है. बाढ़ में हुए नुकसान का आंकलन करने और सड़क संपर्क बहाल करने की योजना बनाने के लिए एजेंसियां सर्वे भी कर रही हैं. सिंगतम और बुरदांग के बीच सड़क संपर्क बहाल भी किया गया.