बीजेपी का दामन थामने के बाद सीता सोरेन दुमका लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित की गयी हैं. इस दौरान उन्होंने खुलकर झामुमो का विरोध किया और पार्टी छोड़ने की वजह भी बताई. सीता सोरेन कहती हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशाल परिवार से जुड़कर उन्हें काफी अच्छा लग रहा है. यहां का माहौल काफी अच्छा है. इससे पहले उन्होंने 14 वर्ष झामुमो को दिया, लेकिन दुर्गा सोरेन के झारखंड के सपनों को पूरा नहीं कर सकी. अब वे अपने पति दुर्गा सोरेन का सपना पूरा कर सकेंगी. सीता सोरेन ने कहा कि गुरुजी शिबू सोरेन से आशीर्वाद लेकर वे दुमका में प्रचार अभियान शुरू करेंगी.
सीता सोरेन ने कहा कि पति दुर्गा सोरेन के जाने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा और परिवार ने उनका कोई सहयोग नहीं किया. मेरे लिए बीजेपी में शामिल होने का निर्णय बहुत बड़ा है, लेकिन मैं अपने सम्मान की खातिर जेएमएम से अलग हुईं. वह कहती हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश का नाम पूरे विश्व में फैलाया है. मुझे विश्वास है कि झारखंड में भी पीएम मोदी विकसित झारखंड बनाएंगे.
सीता सोरेन ने कहा कि झारखंड खुद अंधेरे में है. ऐसे में इस अंधेरे से निकलने के लिए ही मैं बीजेपी का दामन थामा है. मुझे उम्मीद है कि दुर्गा सोरेन का सपना अब पूरा होगा. वह कहती हैं कि जेएमएम सिर्फ दुर्गा सोरेन की तस्वीर का दिखावा कर रही है. मेरे पति की मौत की जांच होनी चाहिए.
सीता सोरेन ने अपना दु:ख बताते हुए कहा कि जामा मोड़ पर दुर्गा सोरेन की प्रतिमा लगाने के लिए मैं संघर्ष करती रही, लेकिन झामुमो ने कोई निर्णय नहीं लिया. जिस दिन कल्पना सोरेन ने गिरिडीह से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की, उस दिन भी उन्होंने शहीद दुर्गा सोरेन का नाम तक नहीं लिया. यह अपमान है. पार्टी पर आरोप लगाते हुए वह कहती हैं कि दुर्गा सोरेन जब पार्टी में थे, तो पार्टी सिद्धांतों पर चलती थी, लेकिन आज पार्टी में बिचौलियों की संख्या बढ़ गई है. ऐसे में झारखंड का विकास कैसे होगा?