एक ओर जहां राज्य सरकार युवाओं को सरकारी नौकरी दे रही है वहीं दूसरी तरफ अतिथि शिक्षकों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा रही है यहां तक कि उनके वेतन का भुगतान भी समय पर नहीं कर रही है। पूर्वी चंपारण के अतिथि शिक्षकों ने अपने वेतन की मांग को लेकर जिला शिक्षा कार्यालय का घेराव किया और जमकर नारेबाजी की। सैकड़ों की संख्या में आए अतिथि शिक्षकों ने बिहार सरकार की शिक्षा नीति के खिलाफ आवाज बुलंद किया तो वहीं पूर्वी चंपारण के डीईओ और डीपीओ के खिलाफ में जमकर नारेबाजी की और अपने वेतन को जल्द से जल्द भुगतान की मांग की। बिहार में बड़े पैमाने पर अतिथि शिक्षकों की बहाली सरकार ने की थी और क्लास में पढ़ाई के हिसाब से उनका वेतन का निर्धारण किया था लेकिन मात्र 2 महीने वेतन देने के बाद सरकार ने वेतन का भुगतान ही नहीं किया। इसे लेकर अतिथि शिक्षक नाराज हैं। अतिथि शिक्षकों ने सरकार से वेतन के भुगतान की मांग की। मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन को तेज करने की बात कही।