संसद के विशेष सत्र का आज तीसरा दिन है. आज तीसरे दिन सदन में 'महिला आरक्षण बिल' पर विशेष रूप से चर्चा की गई. इस मुद्दे पर तमाम सांसदों ने अपनी-अपनी राय दी. सबसे पहले तो कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने लोकसभा में बिल के प्रावधानों के बारे में विस्तार रूप से सदन में जानकारी दी. इसके बाद कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने ऐलान किया कि, कांग्रेस महिला आरक्षण बिल का समर्थन करती है. हालांकि, उन्होंने जातिगत जनगणना कराकर एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण का प्रावधान इस बिल में किये जाने की बात कही.
वहीं, इस मुद्दे पर बीजेपी की स्मृति ईरानी ने कहा कि, हमसे पूछा जा रहा है कि आप एससी और मुस्लिम आरक्षण क्यों नहीं देते? मुझसे ज्यादा अनुभवि लोग जो बिना इजाजत के बोल रहे हैं, उनको इस बात का आभास नहीं कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण वर्जित है. ये वो देश है, जहां लोगों के पास व्यवस्थाएं डिजिटली भी पहुंची हैं, इसलिए हमारे देश के नागरिक जिस प्रकार से विपक्ष भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं. उसमें न फंसे, इसलिए तथ्यों का रिकॉर्ड पर आना, उचित है. जो आज इस सभागार में बिना पीठ की अनुमति के आते ही एक शब्द का उच्चारण कर रहे हैं, इसकी राजनीतिक पृष्ठभूमि देखी जाए.
आगे स्मृति ईरानी ने यह भी कहा कि, महिला के साथ विधानसभा में क्या आचरण करने का इतिहास है. आज ये महिला के आचरण पर टिप्पणी न करें. राष्ट्र सरकार के इस फैसले को स्वीकार करते हुए 'नारी शक्ति वंदन विधेयक' को समर्थन देता है. राष्ट्र की महिलाओं के संवैधानिक विकास में आप खलल ना डालें, तो राष्ट्र कृतज्ञ रहेगा. जिन लोगों ने इसे जुमला कहा. कहा कि, हम चिट्ठियां लिख रहे थे, इसलिए काम हुआ. वे ये बता रहे हैं कि आज देश में ऐसे प्रधानमंत्री हैं, आप उनके साथ पक्षपात करते रहे. इसके बावजूद उन्होंने आपके पत्र को पढ़ा, चर्चा की और संज्ञान लिया. बता दें कि, आज शाम 6 बजे तक महिला आरक्षण बिल को लेकर बहस होगी. अब देखना होगा कि, निष्कर्ष क्या कुछ निकलता है.