Daesh NewsDarshAd

नई सरकार में कोई मंत्री हैं इंजीनियर तो कोई जा चुके हैं जेल, कुछ ऐसे नेता हैं शामिल

News Image

कहा गया है कि, राजनीति संभावनाओं का खेल है और इसमें कुछ भी निश्चित नहीं होता है. जो साथी है वो कब विरोधी हो जाए और जो विरोधी है वो कब साथ आकर सरकार बना ले, इसका जीता जागता उदाहरण बिहार में देखने को मिला, जहां साल 2020 में सरकार बनने के बाद से नीतीश कुमार तीन बार बतौर सीएम शपथ ले चुके हैं. कभी महागठबंधन के साथ जाकर तो कभी बीजेपी के सहयोग से सत्ता के शीर्ष पर पहुंचे हैं. सीएम नीतीश कुमार ने अपने नाम का एक रिकॉर्ड बना लिया है. नीतीश कुमार ने खुद को एक ऐसे नेता के रूप में स्थापित किया है, जिन्होंने सबसे लंबे समय तक बिहार में शासन किया, जबकि उनकी पार्टी कभी भी अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं कर पाई. 

जी हां, इस उपलब्धि के पीछे छिपा हुआ तथ्य और उनका राजनीतिक कौशल यह है कि नीतीश कुमार कभी भी अपने सहयोगियों के साथ सहज नहीं रह सके, जिसके कारण उन्हें कई बार साझेदार बदलने पड़े. इस बार भी उन्होंने आरजेडी से नाता तोड़ा और एनडीए के साथ चले गए हैं. बिहार में रविवार को सरकार की तस्वरें बदलते ही मंत्रीमंडल के चेहरे भी बदल गए. हालांकि, कुछ नाम ऐसे हैं जो महागठबंधन की सरकार में भी मंत्री थे. बिहार में रविवार को दो डिप्टी सीएम समेत आठ मंत्रियों ने भी शपथ ली है. ये सभी अपनी-अपनी पार्टी के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं. आइये जानते हैं सीएम नीतीश कुमार के मंत्रीमंडल सहयोगियों का राजनीतिक परिचय, जिनके हाथ में राज्य की कमान है. 

सम्राट चौधरी

जो कि बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं. वह कुशवाहा जाति से आते हैं. वह दिग्गज नेता शकुनी चौधरी के बेटे हैं, जो समता पार्टी के संस्थापकों में से एक हैं. शकुनी चौधरी का नाम कुशवाहा समाज के बड़े नेताओं में लिया जाता है और वो खुद भी विधायक और सांसद रहे. सम्राट चौधरी की राजनीति में एंट्री 1990 में हुई. वर्ष 1995 में एक राजनीतिक केस में वे 89 दिनों तक जेल में बंद भी रहे. 1999 में राबड़ी देवी सरकार में वो कृषि मंत्री बने. 2000 और 2010 में वो परबत्ता विधानसभा सीट से विधायक चुने गए. साल 2014 में वो नगर विकास विभाग के मंत्री रहे. साल 2018 में वो आरजेडी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए. वहीं, एनडीए सरकार में पंचायती राज मंत्री थे.

विजय कुमार सिन्हा

बिहार विधानसभा के स्पीकर रहे थे. नीतीश सरकार में श्रम संसाधन मंत्री रहे थे. लखीसराय सीट से 4 बार के विधायक हैं. फरवरी 2005 में पहली बार विधायक बनें. 2010, 2015 और 2020 में फिर से विधायक बनें. विजय सिन्हा भूमिहार जाति से आते हैं. राजनीति में आने से पहले पेशे से इंजीनियर भी थे.

बिजेंद्र यादव 

बात करें बिजेंद्र यादव की तो, वे सुपौल विधानसभा सीट से 8वीं बार विधायक हैं. RJD के साथ गठबंधन वाली सरकार में मंत्री रहे. नीतीश कुमार के साथ 3 दशक से राजनीति में हैं. सुपौल विधानसभा सीट से 1990 से लगातार जीत रहे हैं. नीतीश कैबिनेट में वह हर बार मंत्री रहे हैं. यादव समाज से आते हैं.

विजय कुमार चौधरी 

विजय कुमार चौधरी जदयू के वरिष्ठ नेता हैं. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ बिहार विधानसभा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. समस्तीपुर जिले की सरायरंजन सीट से विधायक हैं. 1982 के उपचुनाव में दलसिंहराय से राजनीतिक करियर शुरू किया था. भूमिहार समाज से आते हैं.

सुमित कुमार सिंह

वहीं, सुमित कुमार सिंह जेडीयू और RJD के साथ गठबंधन वाली सरकार में मंत्री रहे. निर्दलीय चुनाव जीतकर चकाई से विधायक बने. पहले भी विधायक रह चुके हैं. बिहार के बड़े राजपूत नेता नरेंद्र सिंह के बेटे हैं. इनके पिता भी बिहार सरकार में मंत्री रहे थे.

श्रवण कुमार 

इधर, श्रवण कुमार RJD के साथ गठबंधन वाली सरकार में मंत्री रहे. नालंदा से विधायक हैं, 1995 से लगातार जीत रहे हैं. कुर्मी जाति से आते हैं. संसदीय कार्य मंत्री रह चुके हैं. 

संतोष सुमन 

आखिर में बात करेंगे संतोष सुमन मांझी की जो बिहार सरकार में एससी-एसटी कल्याण मंत्री रहे. बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बेटे हैं. बीजेपी के साथ गठबंधन वाली सरकार में मंत्री रहे. साथ ही बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं. हम पार्टी के नेता है, एससी समाज से हैं.

Darsh-ad

Scan and join

Description of image