कल्पना सोरेन ने जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि झारखंड के मान-सम्मान और स्वाभिमान – तीर धनुष, दिशोम गुरुजी और हेमंत के प्रति पूरे संथाल परगना में अटूट प्रेम, विश्वास और अपनत्व है. वीर क्रांतिकारियों के खून-पसीने से सिंचित इस धरती ने हमेशा शोषण और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठायी है. आज फिर हूल-उलगुलान के आह्वाहन के साथ केंद्र में बैठी तानाशाही भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का काम झारखंड की जनता कर रही है।
हेमंत को साजिशन जेल में डालने वाली भाजपा के खिलाफ लोगों में भयंकर रोष है. यह चुनाव जनता लड़ रही है, भाजपा के खिलाफ है. हेमंत का कसूर क्या था? जिस जमीन के साथ उनका नाम जोड़ा गया, उससे उनका कोई लेना देना ही नहीं था. हेमंत का कसूर यह था कि वह राज्य का 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये बकाया, 1932 खतियान स्थानीय नीति, पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण, सरना आदिवासी धर्म कोड, आदि की मांग कर रहे थे, लाखों लोगों को आवास, पेंशन, राशन दे रहे थे, यही भाजपा के लिए डर का कारण था।
उन्होंने ने कहा कि भाजपा नहीं चाहती थी कि झारखंड और झारखंडवासी आगे बढ़ें, इसलिए चुनाव से ठीक पहले उन्होंने हेमंत को जेल में डाल दिया है. इस तानाशाही सरकार को मिलकर सबक सिखाना है. हेमंत की जेल की चाबी आप सभी के पास है. आपसे आग्रह है एक जून को चार नंबर पर तीर-धनुष का बटन दबाकर आपके चहेते बेटे और भाई हेमंत को जेल से मुक्त कराने और अपने हक-अधिकार के लिए विजय हांसदा को भारी से भारी मतों से जिताने का काम करें।