DESK:-खबर पटना के दानपुर से हैं जहां कोर्ट ने 37 साल बाद एक मामले में सभी आरोपियों को रिहा कर दिया,इस मामले में कुल 26 में से 13 आरोपी दोषमुक्त होने से पहले ही स्वर्ग सिधार गए ,जबकि 13 अन्य आरोपियों को 37 साल बाद न्याय मिला.इस केस मे 37 साल बाद आए फैससे के बाद के बाद एक बार फिर से देश की पुलिसिया जांच और न्यायिक व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं .आखिर मारपीट जैसे छोटे मामूल मामले में 37 साल बाद फैसला आने की क्या वजह है.
सभी आरोपियों को बाइज्जत बरी करने का फैसला पटना के दानपुर सिविल कोर्ट के एडीजे 3 मनोज कुमार श्रीवास्तव की कोर्ट ने दिया है.बरी होने वाले में 55 से 72 साल के 13 आरोपी हैं.जबकि 13 आरोपी की फैसला आने से पहले ही मौत हो चुकी है.
जिस केस मे 37 साल बाद फैसला आया है.वह पटना जिले के मनेर थाना के हुलासी टोला में 4 नवंबर 1987 को हुई थी.गांव के ही श्याम नंदन सिंह की शिकायत पर मारपीट,चोरी,हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था.1988 में आरोंपियों पर चार्जशीट दायर की गयी थी और 1996 मे कोर्ट की तरफ से आरोप गठित किया गया था.इस बीच सुनवाई लगातार टलती रही और फैसला आने से पहले ही 13 आरोपियों की मौत हो गई और बाकी बचे 13 आरोपियों को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है.