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फर्जी शिक्षकों और नियोजन इकाई के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई, हाईकोर्ट के आदेश के बाद KK पाठक एक्शन में.

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Patna- बिहार के नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा देकर राज्य कर्मी का दर्जा पा रहे हैं पर अभी भी हजारों ऐसे नियोजित शिक्षक हैं जिनका फोल्डर जांच के दौरान निगरानी की टीम को नहीं मिला है. इस रिपोर्ट के बाद पटना हाई कोर्ट ने सख्त रूख अपनाया है और शिक्षा विभाग से इन नियोजन इकाइयों को खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है, जिसने नियोजित शिक्षकों का फोल्डर उपलब्ध नहीं करवाया है.

 हाईकोर्ट ने जताई नराजगी

 हाई कोर्ट के आदेश के बाद बिहार के शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के के पाठक ने पूरे मामले की समीक्षा की और अब संबंधित नियोजन इकाई के सचिव के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी है. संबंधित नियोजन इकाई के सचिव के खिलाफ केस दर्ज कराया जाएगा और फिर इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.बताते चलें  कि बिहार में बड़ी संख्या में अवैध नियोजित शिक्षक पकड़े जा चुके हैं, तो बहुतों के खिलाफ जांच लंबित है. जिन शिक्षकों की कारगुजारी पकड़ी जा चुकी है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई करने में प्रशासन और नियोजन इकाइयों के हाथ-पांव फूल रहे हैं. हाईकोर्ट के आदेश पर अब नियोजन इकाइयों पर कार्रवाई की तैयारी क़ी जा रही रही है.

फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी

बिहार के विभिन्न जिलों में फर्जी प्रमाण-पत्र पर शिक्षक की नौकरी करने वालों की खासी संख्या रही है. इनके प्रमाण-पत्रों की जांच चल रही है और जो फर्जी मिल रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई भी हो रही है. हालांकि कार्रवाई की गति काफी धीमी है. यह कड़वी सच्चाई है. यही कारण है कि बिहार के 815 अवैध घोषित शिक्षकों के खिलाफ अबतक कार्रवाई लंबित है. इस बीच विभाग उन नियोजन इकाइयों की सूची तैयार कर रही है, जिनके यहां से नियोजित शिक्षकों का प्रमाण-पत्र वाला फोल्डर गायब है. अब  इन नियोजन इकाइयों का बचना मुश्किल लग रहा है.

3.52 लाख शिक्षकों की जांच 

गौरतलब है कि नियोजन इकाइयों के सचिव के जिम्मे ही पंचायत/प्रखंड/जिला का कागजात रहता है. इन कागजातों में शिक्षक नियोजन से जुड़ा कागजात भी शामिल है. जिस कागजात को नियोजन इकाई यानी सचिव उपलब्ध नहीं करा सके हैं. इसी कारण सीधे नियोजन इकाई के सचिव को जिम्मेदार मान विभाग कार्रवाई करने की तैयारी में हैं. बताया गया है कि सूबे में 3 लाख 52 हजार 927 शिक्षक-पुस्तकालयाध्यक्ष के नियोजन की वैधता की जांच बाकी है.

815 अवैध शिक्षकों पर कार्रवाई नहीं

जांच में अवैध मिले शिक्षकों के प्रति प्रशासन की भी कथित सहानुभूति रही है. वहीं, नियोजन इकाइयों की मेहरबानी जगजाहिर रही है. यही कारण है जांच में अवैध शिक्षक की पुष्टि और प्राथमिकी के बावजूद सूबे में 815 शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त नहीं किया जा सका है. गत माह तक यह स्थिति थी. हद तो यह कि विभाग डीईओ को कार्रवाई की याद दिलाता रहा है, लेकिन विभाग का पत्र डीईओ कार्यालय में फाइलों में रख कर बांध दिया जाता है. अन्यथा इतनी बड़ी संख्या में अवैध शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई पूरी हो गई रहती.

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