दिल्ली-एनसीआर में देर रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. दिल्ली के साथ यूपी-बिहार में भी भूकंप आया है. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.4 मापी गई है. जानकारी के मुताबिक देर रात 11.32 बजे भूकंप के झटके लगे. भूकंप का केंद्र नेपाल था. दिल्ली-NCR में भूकंप के झटकों के बाद लोग अपने घर के बाहर निकल आए. गनीमत है कि फिलहाल किसी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है. करीब एक मिनट तक भूकंप के झटके महसूस किए गए. बता दें कि इससे पहले 22 अक्टूबर को दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. इसकी तीव्रता 6.1 थी.
धरती हिलने के बाद लखनऊ में लोग घरों से बाहर निकल आए. लोगों ने बताया कि वह सोने की तैयारी कर रहे थे, तभी अचानक से पंखा हिलने लगा, तभी वह बाहर की ओर भागे. लोगों ने अपने रिश्तेदारों को फोन कर उनकी कुशलक्षेम जानी. अक्सर ऐसा होता है कि भूकंप के बाद आफ्टर शॉक भी आता है, ऐसे में लोग लंबे समय तक अपने घर के बाहर खड़े रहे.
Earthquake of Magnitude:6.4, Occurred on 03-11-2023, 23:32:54 IST, Lat: 28.84 & Long: 82.19, Depth: 10 Km ,Location: Nepal, for more information Download the BhooKamp App https://t.co/SSou5Hs0eO@ndmaindia @Indiametdept @Dr_Mishra1966 @Ravi_MoES @KirenRijiju @PMOIndia pic.twitter.com/XBXjcT29WX
— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) November 3, 2023
पिछले महीने की 22 अक्टूबर को आए भूकंप का केंद्र भी नेपाल ही था. नेपाल में भूकंप के 4 झटके लगे थे. सुबह 7:39 मिनट पर भूकम्प का पहला झटका लगा. जिसकी तीव्रता रेक्टर स्केल पर 6.1 मापी गई है. इसके बाद भूकंप का दूसरा झटका 4.2 तीव्रता का 8:08 मिनट आया. भूकम्प का तीसरा झटका सुबह 8:28 मिनट पर महसूस किया गया, तीव्रता 4.3 रही. इसके बाद 8:59 मिनट पर चौथी बार भूकंप का झटका महसूस किया गया था.
क्यों आता है भूकंप?
भूकंप आने के पीछे ये होती है मुख्य वजह धरती के अंदर 7 प्लेट्स ऐसी होती हैं जो लगातार घूम रही हैं. ये प्लेट्स जिन जगहों पर ज्यादा टकराती हैं, उसे फॉल्ट लाइन जोन कहा जाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. जब प्रेशर ज्यादा बनने लगता है कि तो प्लेट्स टूटने लगती हैं. इनके टूटने के कारण अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है. इसी डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.जानिए कौन सा भूकंप होता है खतरनाक?अभी तक भूकंप की अधिकमत तीव्रता तय नहीं हो पाई है. हालांकि रिक्टर स्केल पर 7.0 या उससे अधिक की तीव्रता वाले भूकंप को सामान्य से खतरनाक माना जाता है. इसी पैमाने पर 2 या इससे कम तीव्रता वाला भूकंप सूक्ष्म भूकंप कहलाता है जो ज्यादातर महसूस नहीं होते हैं. 4.5 की तीव्रता का भूकंप घरों को क्षतिग्रस्त कर सकता है.
जानें रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता के हिसाब से क्या हो सकता है असर:
- 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है.
- 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है.
- 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है.
- 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं. दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं.
- 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है.
- 6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है.