भारत और कनाडा के रिश्तों में तकरार बढ़ता ही जा रहा है. दोनों के बीच तनाव फिलहाल तो कहीं से भी कम होता नहीं दिख रहा. दोनों देश एक-दूसरे के शीर्ष राजनयिकों को पहले ही निष्कासित कर चुके हैं. इस बीच कई खालिस्तान समर्थकों ने आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. इस दौरान उन्होंने खालिस्तानी झंडे लहराए और नारेबाजी की. भीड़ ने भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर भी प्रदर्शन किया. प्रदर्शन को देखते हुए भारतीय दूतावास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. दूतावास की तरफ आने वाले सड़कों पर पुलिस ने बैरिकेट्स लगा दिए हैं.
ओटावा, टोरंटो और वैंकूवर में प्रदर्शन
बता दें कि, ओटावा, टोरंटो और वैंकूवर में खालिस्तान समर्थकों ने प्रदर्शन किया. टोरंटो में तो तिरंगे को आग के हवाले कर दिया गया. उधर, वैंकूवर में भी भारत के वाणिज्यिक दूतावास के बाहर सौ से अधिक खालिस्तानियों ने प्रदर्शन किया. खबरों की माने तो, वैंकूवर में भारत के वाणिज्यिक दूतावास के बाहर करीब 200 खालिस्तानी समर्थक इकट्ठा हुए और प्रदर्शन किया. टोरंटो में भी करीब 100 खालिस्तान समर्थकों ने भारत के राष्ट्रीय ध्वज को जला दिया. उन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ भी नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने पीएम मोदी के कट-आउट को जूते भी मारे.
SFJ से जुड़े प्रदर्शनकारी का आरोप
रिपोर्ट्स की माने तो, आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस से जुड़े प्रदर्शनकारियों में से एक ने आरोप लगाया कि भारत ने ‘कनाडा की संप्रभुता से समझौता किया’. भारत विरोधी ये प्रदर्शन SFJ के सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा अपने समर्थकों को भड़काने के बाद ही हुए हैं. हालांकि, ये प्रदर्शन आतंकी संगठन के अनुमानों के अनुसार नहीं हुए. उस तरह का जमावड़ा देखने को नहीं मिला जिसका पन्नू ने अनुमान लगाया था.
निज्जर की हत्या के बाद भड़का आक्रोश
गौरतलब है कि, निज्जर की जून में ब्रिटिश कोलंबिया में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. भारत ने कनाडा पीएम के आरोपों को ‘बेतुका और प्रेरित’ बताते हुए खारिज कर दिया था. दोनों देशों ने राजनयिकों को भी निष्कासित किया था. कनाडा लगभग लाखों सिखों का घर है, जो पंजाब के बाहर सबसे बड़ी सिख आबादी का प्रतिनिधित्व करता है. हाल के वर्षों में यहाँ भारत विरोधी गतिविधियों में लगातार तेजी देखी गई है. वहीं, इस हत्या के बाद लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है.