Katihar - चक्रवाती तूफान का असर बिहार में भी देखा जा रहा है पिछले कई दिनों से बारिश हो रही है वहीं कई इलाकों में तेज आंधी भी आई है इसका नुकसान सबसे ज्यादा केले की फसल को हुआ है. कटिहार खगड़िया एवं आसपास के इलाकों में बड़े पैमाने पर केले की खेती होती है और चक्रवात की वजह से इस इलाके में आई आंधी ने किला किसने की कमर तोड़कर रख दी है. लाखों रुपए की लागत से किले की खेती करने वाले किसान खून क्या और हो रहे हैं पर अभी तक जिला प्रशासन और सरकार की तरफ से इन किसानों को राहत देने के लिए किसी तरह का कम नहीं उठाया जा रहा है.
कटिहार के समेली प्रखंड के पूर्वी चांदपुर पंचायत के विषनीचक गांव में केला की खेती करने वाले किसानों की फसल बारिश आंधी तूफान में पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया औऱ किसानों के सैकड़ो एकड़ में केला की खेती तबाह हो गया.समेली प्रखंड के केला किसान अवधेश कुमार साह, राजेद्र साह, बिपिन साह, राजेश साह, चिक्कू मंडल, अरविंद साह, दुखन मंडल, जगदीश मंडल, कारो मंडल, जितन मंडल, ओम प्रकाश साह, दीपक साह, सहित मुरादपुर पंचायत के डुमरिया गांव के महेंद्र सिंह, निरंजन भगत, मुन्ना सिंह, कामों मंडल सहित किसानों ने बताया कि गांव में दो दर्जन से अधिक किसानों के द्वारा करीब 100 एकड़ में केले की फसल लगाई गई थी.आंधी तूफान के कारण हमारी केले की फसल तबाह हो गई. उन्हें काफी नुकसान हुआ है.हम खेत में टूट कर गिरे केले की फसल भी नहीं उठा पा रहे हैं.
पीड़ित किसानों ने कहा कि उन्होंने कर्ज लेकर केले की खेती की थी अब महाजन को कहां से पैसा लौटायेगे यह उनके लिए बहुत बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है. इसलिए किसानों ने जिला पदाधिकारी और राज्य की नीतिश सरकार से मांग की है कि फसल क्षति का सही सर्वे कर मुआवजा दिया जाए. अगर उन्हें फसल की क्षति नहीं मिली तो फिर वे लोग सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे.
कटिहार से रहमान की रिपोर्ट