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16 वर्षीय पोता देगा सहारा प्रमुख को मुखाग्नि, पत्नी, बेटों की गैर-मौजूदगी में होगा अंतिम संस्कार

सहाराग्रुप के संस्थापक सुब्रत रॉय का पार्थिव देह बुधवार शाम करीब शाम 5 बजे सहारा शहर लाया गया. जहां उनके अंतिम दर्शन के लिये भीड़ उमड़ पड़ी. आम लोगों से लेकर वीआईपी तक दर्शन के लिए पहुंचे और देर रात तक सहारा शहर में तांता लगा रहा. सहारा शहर से शव को भैंसाकुंड लाया जाएगा, जहां उन्हें मुखाग्नि दी जाएगी.

कहा जा रहा है कि सुब्रत रॉय के 16 वर्षीय पोते बैकुंठ धाम में उनका अंतिम संस्कार करेंगे. सुब्रत रॉय की पत्नी स्वप्ना रॉय और बेटे सुशांतो रॉय और सीमांतो के विदेश में होने के कारण अंतिम संस्कार में शामिल होने की संभावना नहीं है. 

नम आंखों से दी विदाई

सुब्रत रॉय का पार्थिव देह शाम करीब शाम 5.00 बजे सहारा शहर लाया गया. जहां कुछ क्षण के लिए सन्नाटा पसर गया, लेकिन थोड़ी ही देर में सुब्रत रॉय अमर रहे के नारे गूंजने लगे. इसके बाद वाहनों का काफिला सहारा शहर के अंदर चला गया. सहारा परिवार से जुड़े कर्मचारी व अधिकारी बड़ी संख्या में सहारा शहर पहुंचे. जहां उनके पार्थिक शरीर के दर्शन के दौरान लोगों की आंखें नम भी हो गईं. इस दौरान उनके चाहने वाले सहाराश्री से जुड़े किस्सों को भी एक-दूसरे से साझा करते नजर आए. 

कार्डिएक अरेस्ट से हुई थी डेथ

सहारा ग्रुप के संस्थापक सुब्रत रॉय का 15 नवंबर मंगलवार को निधन हो गया. उन्होंने 75 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. सुब्रत रॉय लंबे समय से गंभीर बीमारी से ग्रसित थे. उनका मुंबई के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. उनकी मौत कार्डिएक अरेस्ट के कारण हुई थी.  बयान में बताया गया है कि राय कैंसर से जूझ रहे थे जो शरीर में फैल गया था. इसके अलावा उन्हें बीपी और शुगर की भी समस्या थी. उन्हें 12 नवंबर को तबीयत ज्यादा खराब होने पर कोकिला बेन अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

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