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Success Story: बिरयानी बेचने वाला मोहम्मद कासिम बना जज, 10वीं कक्षा में हो गए थे असफल

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हम अक्सर सुनते हैं कि कैसे कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से कोई अपने लक्ष्य को हासिल कर सकता है. उत्तर प्रदेश के मोहम्मद कासिम नाम के एक शख्स ने ये बात फिर साबित कर दी है. उनकी सफलता की कहानी समर्पण, लचीलेपन और अटूट प्रतिबद्धता की कहानी है. उन्होंने प्रांतीय सिविल सेवा-न्यायिक परीक्षा (PCS-J) में 135वीं रैंक हासिल की है. हालांकि, उनकी यात्रा काफी कठिनाइयों से भरी थी. मोहम्मद कासिम को अपने पिता के साथ विक्रेता के रूप में काम करना पड़ा. वह स्टॉल के सभी कामों में शामिल होते थे- चाहे वह बर्तन धोना हो या ग्राहकों की सेवा करने में अपने पिता की मदद करना हो. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कासिम ने 2007 के आसपास एक वेंडर के रूप मेंअपना खुद का व्यवसाय शुरू किया था. वह पेट्रोल पंप के सामने हलीम (एक प्रकार की बिरयानी) बेचते थे. यह स्थान कासिम की यात्रा और उसके द्वारा सामना किए गए संघर्षों को व्यक्त करता है.

10वीं कक्षा में असफल रहें कासिम

कासिम उत्तर प्रदेश के संभल के रहने वाले हैं. वह मुरादाबाद जिले के संभल ब्लॉक के एक गांव रुकनुद्दीन सराय में रहते हैं. वह कथित तौर पर 2012 में अलीगढ़ चले गए और वहां स्थित एक सरकारी स्कूल में चौथी कक्षा तक अपनी शिक्षा पूरी की. मोहम्मद कासिम ने तब वारसी जूनियर हाई स्कूल में 5वीं और 6वीं कक्षा में पढ़ाई की. उन्होंने 7वीं से 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई पूरी करने के लिए जेडयू इंटर कॉलेज नामक एक अन्य संस्थान को चुना. 10वीं कक्षा में असफल होने के बाद कासिम को अपनी स्कूली शिक्षा के दौरान कठिन दौर से गुजरना पड़ा. स्कूल खत्म करने के बाद, उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में बीए पाठ्यक्रम में दाखिला लिया. इसके बाद कासिम ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए एलएलबी (बैचलर ऑफ आर्ट्स और बैचलर ऑफ लेजिस्लेटिव लॉ) परीक्षा और एलएलएम परीक्षा (मास्टर डिग्री ऑफ लॉ) (एआईआर 1) पास की. उन्होंने यूजीसी नेट (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा) भी उत्तीर्ण की. मोहम्मद कासिम ने तब दो विश्वविद्यालयों के लिए एक संकाय के रूप में काम किया. इसी दौरान उन्होंने पीसीएसजे परीक्षा की भी तैयारी की और 135वीं रैंक हासिल की.

'शिक्षा के माध्यम से ही आप हीरो बन सकते हैं'

मोहम्मद कासिम ने अपनी उपलब्धि के बारे में एक यूट्यूब चैनल से बातचीत की. उन्होंने याद करते हुए कहा, "मेरी मां मेरे पीछे प्रेरक शक्ति हैं और उन्होंने मुझे कभी स्कूल छोड़ने की इजाजत नहीं दी." “यदि आप किसी सेलिब्रिटी के बेटे नहीं हैं या किसी राजनीतिक परिवार से संबंध नहीं रखते हैं, तो आपके लिए कुछ बड़ा करने का एकमात्र विकल्प शिक्षा है. शिक्षा के माध्यम से ही आप हीरो बन सकते हैं, और आज, जिस तरह से मेरा सम्मान और स्वागत किया जा रहा है वह इस बात का प्रमाण है".

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