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पुलिस व शराब माफियाओं पर गठजोर से हो रहा है शराब का अवैध कारोबार: अरुण सिंह

Suci on sharab

राज्य के सारण और सिवान जिले में जहरीली शराब पीने की वजह से 13 लोगों की मौत पर शोक प्रकट करते हुए और उनके परिवार जनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) के बिहार राज्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि राज्य की भाजपा-जदयू गठबंधन की सरकार में कानूनी तौर पर शराब का उत्पादन और सेवन प्रतिबंधित तो है, लेकिन यह लोगों के लिए 'ओपन सीक्रेट' बना हुआ है। पुलिस-प्रशासन बखूबी जनता है कि कौन लोग शराब के धंधे से जुड़े हुए हैं और कहां-कहां शराब मिलती है। लोगों को भी पता है कि शराब आसानी से हर जगह उपलब्ध है। प्रखंडों और जिलों की बात कौन करे, राज्य की राजधानी भी इससे अलग नहीं है। कल ही राजधानी पटना के एक पॉश इलाके में नकली शराब बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है। ऐसे में राज्य में मद्य निषेध एक मजाक बनकर रह गया है। दरअसल पुलिस-प्रशासन और शराब माफियाओं की मिलीभगत से राज्य में धड़ले से शराब का कारोबार चल रहा है। इसका खामियाजा राज्य की गरीब जनता को अपनी जान देकर चुकाना पड़ रहा है। राज्य की भाजपा-जदयू की  सरकार इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है।श्री सिंह ने मृतकों के परिवार जनों को पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की है। साथ ही उन्होंने जहरीली शराब बनाने वालों और शराब माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि शराबबंदी को लेकर निचले स्तर से जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है।


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